सता का संग्राम: प्रचार अभियान पर गर्मी भारी

भाजपा-कांग्रेस में कड़ी टक्कर छत्तीसगढ़ संवाददाता दंतेवाड़ा, 16 अप्रैल। बस्तर लोकसभा क्षेत्र में प्रथम चरण का चुनाव 19 अप्रैल को है। भाजपा-कांग्रेस में कड़ी टक्कर दिखाई दे रही है, वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के झंडे भी ग्रामीण क्षेत्रों में नजर आ रहे हैं। बस्तर में भारतीय जनता पार्टी ने स्टार प्रचारक के तौर पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को दंतेवाड़ा भेजा था। उन्होंने विपक्ष पर जमकर तीर चलाए। इसके साथ ही नरेंद्र मोदी को अद्भुत प्रधानमंत्री निरूपित किया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा भी विधानसभा कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया गया था। भाजपा द्वारा पहली दफा बलिराम कश्यप परिवार के सदस्य को प्रत्याशी नहीं बनाया गया। इस मामले में यह चुनाव अभूतपूर्व है। पूर्व के वर्षों में बस्तर लोकसभा से बलिराम कश्यप परिवार ही को ही भाजपा से टिकट मिलते थे। इस बार शीर्ष नेतृत्व ने महेश कश्यप के रूप में नए प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। इसकी पृष्ठभूमि में मोदी लहर को प्रमुख कारण माना जा सकता है। जिसके सहारे भाजपा 400 पार का लक्ष्य साधना चाहती है। विगत विधानसभा चुनाव में शहरी और ग्रामीण दोनों ही वोटरों ने भाजपा को समर्थन दिया था। इस बार दोनों ही इलाके के वोटरों का रुख प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करेगा। हम ही जीतेंगे - विधायक दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी ने छत्तीसगढ़ को बताया कि हमारा प्रचार अभियान सभी क्षेत्रों में चल रहा है। शहरी और ग्रामीण इलाकों में कार्यकर्ता सक्रिय हैं। भाजपा सरकार के कार्यों के आधार पर वाटर भाजपा को वोट देंगे। जनता भाजपा के सांसद को चुनेगी। लखमा दे रहे कड़ी टक्कर कांग्रेस नेतृत्व के लिए बस्तर सांसद हेतु प्रत्याशी चयन बड़ी कशमकश से भरा था। अंतत: कांग्रेस ने कवासी लखमा को मैदान में उतारा। बस्तर लोकसभा से पार्टी ने श्रेष्ठ उम्मीदवार का चयन किया। कवासी लखमा राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी के रूप में विख्यात है। लखमा की शहरी के साथ-साथ ग्रामीण वोटरों पर भी अच्छी पकड़ है। बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा और बीजापुर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में लखमा ने पूरी ताकत लगा दी। कांग्रेस ग्रामीण वोटरों के सहारे चुनावी नैया पार करने आश्वस्त नजर आती है। स्थानीय कांग्रेस नेताओं के मुताबिक भाजपा ने गुमनाम प्रत्याशी को उतारा है, वहीं कांग्रेस ने लोकप्रिय प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। कांग्रेसी नेताओं के मुताबिक लखमा की विजय निश्चित है।

सता का संग्राम: प्रचार अभियान पर गर्मी भारी
भाजपा-कांग्रेस में कड़ी टक्कर छत्तीसगढ़ संवाददाता दंतेवाड़ा, 16 अप्रैल। बस्तर लोकसभा क्षेत्र में प्रथम चरण का चुनाव 19 अप्रैल को है। भाजपा-कांग्रेस में कड़ी टक्कर दिखाई दे रही है, वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के झंडे भी ग्रामीण क्षेत्रों में नजर आ रहे हैं। बस्तर में भारतीय जनता पार्टी ने स्टार प्रचारक के तौर पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को दंतेवाड़ा भेजा था। उन्होंने विपक्ष पर जमकर तीर चलाए। इसके साथ ही नरेंद्र मोदी को अद्भुत प्रधानमंत्री निरूपित किया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा भी विधानसभा कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया गया था। भाजपा द्वारा पहली दफा बलिराम कश्यप परिवार के सदस्य को प्रत्याशी नहीं बनाया गया। इस मामले में यह चुनाव अभूतपूर्व है। पूर्व के वर्षों में बस्तर लोकसभा से बलिराम कश्यप परिवार ही को ही भाजपा से टिकट मिलते थे। इस बार शीर्ष नेतृत्व ने महेश कश्यप के रूप में नए प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। इसकी पृष्ठभूमि में मोदी लहर को प्रमुख कारण माना जा सकता है। जिसके सहारे भाजपा 400 पार का लक्ष्य साधना चाहती है। विगत विधानसभा चुनाव में शहरी और ग्रामीण दोनों ही वोटरों ने भाजपा को समर्थन दिया था। इस बार दोनों ही इलाके के वोटरों का रुख प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करेगा। हम ही जीतेंगे - विधायक दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी ने छत्तीसगढ़ को बताया कि हमारा प्रचार अभियान सभी क्षेत्रों में चल रहा है। शहरी और ग्रामीण इलाकों में कार्यकर्ता सक्रिय हैं। भाजपा सरकार के कार्यों के आधार पर वाटर भाजपा को वोट देंगे। जनता भाजपा के सांसद को चुनेगी। लखमा दे रहे कड़ी टक्कर कांग्रेस नेतृत्व के लिए बस्तर सांसद हेतु प्रत्याशी चयन बड़ी कशमकश से भरा था। अंतत: कांग्रेस ने कवासी लखमा को मैदान में उतारा। बस्तर लोकसभा से पार्टी ने श्रेष्ठ उम्मीदवार का चयन किया। कवासी लखमा राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी के रूप में विख्यात है। लखमा की शहरी के साथ-साथ ग्रामीण वोटरों पर भी अच्छी पकड़ है। बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा और बीजापुर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में लखमा ने पूरी ताकत लगा दी। कांग्रेस ग्रामीण वोटरों के सहारे चुनावी नैया पार करने आश्वस्त नजर आती है। स्थानीय कांग्रेस नेताओं के मुताबिक भाजपा ने गुमनाम प्रत्याशी को उतारा है, वहीं कांग्रेस ने लोकप्रिय प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। कांग्रेसी नेताओं के मुताबिक लखमा की विजय निश्चित है।