एसपी ने कोर्ट-मोहर्रीरों की ली बैठक

छत्तीसगढ़ संवाददाता अंबिकापुर, 29 मार्च। पुलिस अधीक्षक सरगुजा के द्वारा ऑपरेशन विश्वास के तहत 29 मार्च को न्यायालयों में कर्तव्यस्थ कोर्ट-मोहर्रीरों की बैठक आयोजित की गई। इस दौरान कर्मचारियों को हिदायत दी गई, कि समंस/वारण्ट की तामिली न होने की वजह से एवं तामिली उपरांत साक्षी के उपस्थित न होने के कारण माननीय न्यायालयों के प्रकरण अकारण लंबित हैं। इस हेतु पुलिस अधीक्षक सरगुजा द्वारा कर्मचारियों को समंस/वारण्ट तामिली पर महत्वपूर्ण एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गए। माननीय न्यायालय द्वारा जारी समंस/वारण्ट में साक्षी का पूर्ण नाम-पता, गली मोहल्ला, वार्ड नम्बर, मकान नम्बर, मोबाईल नम्बर व ई-मेल का उल्लेख किया जावे। जिससे साक्षी की खोजबीन करने में किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो। जिन पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों का समंस/वारण्ट जारी होता है, और तामिली उपरांत भी साक्ष्य हेतु माननीय न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं होते हैं, उनका सूची उपलब्ध कराई जावे। न्यायालयों में विगत 05 वर्ष से लंबित प्रकरणों को प्राथमिकता के आधार पर समंस/वारण्ट जारी उपरांत अनिवार्य रूप से तामिली कराकर प्रकरण का हरसंभव निकाल कराने में प्रयास की जावे। न्यायालयों में कार्यरत् समस्त कर्मचारियों को कम्प्युटर संबंधी महत्वपूर्ण एवं बेसिक जानकारी अनिवार्य रूप से होनी चाहिए।इस दौरान उपरोक्त बिन्दुओं के अलावा अन्य महत्वपूर्ण एवं आवश्यक बिन्दुओं पर भी दिशा निर्देश दिये गये।

एसपी ने कोर्ट-मोहर्रीरों की ली बैठक
छत्तीसगढ़ संवाददाता अंबिकापुर, 29 मार्च। पुलिस अधीक्षक सरगुजा के द्वारा ऑपरेशन विश्वास के तहत 29 मार्च को न्यायालयों में कर्तव्यस्थ कोर्ट-मोहर्रीरों की बैठक आयोजित की गई। इस दौरान कर्मचारियों को हिदायत दी गई, कि समंस/वारण्ट की तामिली न होने की वजह से एवं तामिली उपरांत साक्षी के उपस्थित न होने के कारण माननीय न्यायालयों के प्रकरण अकारण लंबित हैं। इस हेतु पुलिस अधीक्षक सरगुजा द्वारा कर्मचारियों को समंस/वारण्ट तामिली पर महत्वपूर्ण एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गए। माननीय न्यायालय द्वारा जारी समंस/वारण्ट में साक्षी का पूर्ण नाम-पता, गली मोहल्ला, वार्ड नम्बर, मकान नम्बर, मोबाईल नम्बर व ई-मेल का उल्लेख किया जावे। जिससे साक्षी की खोजबीन करने में किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो। जिन पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों का समंस/वारण्ट जारी होता है, और तामिली उपरांत भी साक्ष्य हेतु माननीय न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं होते हैं, उनका सूची उपलब्ध कराई जावे। न्यायालयों में विगत 05 वर्ष से लंबित प्रकरणों को प्राथमिकता के आधार पर समंस/वारण्ट जारी उपरांत अनिवार्य रूप से तामिली कराकर प्रकरण का हरसंभव निकाल कराने में प्रयास की जावे। न्यायालयों में कार्यरत् समस्त कर्मचारियों को कम्प्युटर संबंधी महत्वपूर्ण एवं बेसिक जानकारी अनिवार्य रूप से होनी चाहिए।इस दौरान उपरोक्त बिन्दुओं के अलावा अन्य महत्वपूर्ण एवं आवश्यक बिन्दुओं पर भी दिशा निर्देश दिये गये।