एनएमडीसी हैदराबाद ने मनाया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2024

हैदराबाद, 23 जून। एनएमडीसी हैदराबाद ने बताया कि भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पासदक एनएमडीसीने 10 वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस इस वर्ष की थीम स्वयं और समाज के लिए योग के अनुसरण में हर्षोल्लास के साथ मनाया । देशभर में फैली सभी परियोजनाओं में 500 से ज्यादा कर्मचारियों एवं उनके परिवार के सदस्यों ने योग सत्र में भाग लिया, जो कि एनएमडीसी परिवार और उसके बाहर सुस्वास्थ्य, कल्याण और सद्भाव को बढाबा देने के एनएमडीसी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है । एनएमडीसी ने बताया कि मुख्यालय में समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें प्रमाणित प्रशिक्षक की देख-रेख में कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों ने योगासन किया । ऐसे ही सत्र देश भर में फैली एनएमडीसी की महत्वपूर्ण खनन परियोजनाओं और क्षेत्रीय कार्यालयों में आयोजित किए गए, जिसमें अधिक से अधिक प्रतिभागिता सुनिश्चित की गई । इस अवसर पर बोलते हुए श्री अमिताभ मुखर्जी, सीएमडी (अतिरिक्त प्रभार) ने कहा, योग प्राचीन भारत की एक अमूल्य भेंट है । यह तन और मन, विचार और कार्यकलाप को जोड़ता है, और प्रकृति और मनुष्य के बीच समरसता कायम करता है । योग केवल व्यायाम नहीं है, यह स्वयं को एवं आस-पास की दुनिया से एकाकार होने में मदद करती है।

एनएमडीसी हैदराबाद ने मनाया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2024
हैदराबाद, 23 जून। एनएमडीसी हैदराबाद ने बताया कि भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पासदक एनएमडीसीने 10 वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस इस वर्ष की थीम स्वयं और समाज के लिए योग के अनुसरण में हर्षोल्लास के साथ मनाया । देशभर में फैली सभी परियोजनाओं में 500 से ज्यादा कर्मचारियों एवं उनके परिवार के सदस्यों ने योग सत्र में भाग लिया, जो कि एनएमडीसी परिवार और उसके बाहर सुस्वास्थ्य, कल्याण और सद्भाव को बढाबा देने के एनएमडीसी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है । एनएमडीसी ने बताया कि मुख्यालय में समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें प्रमाणित प्रशिक्षक की देख-रेख में कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों ने योगासन किया । ऐसे ही सत्र देश भर में फैली एनएमडीसी की महत्वपूर्ण खनन परियोजनाओं और क्षेत्रीय कार्यालयों में आयोजित किए गए, जिसमें अधिक से अधिक प्रतिभागिता सुनिश्चित की गई । इस अवसर पर बोलते हुए श्री अमिताभ मुखर्जी, सीएमडी (अतिरिक्त प्रभार) ने कहा, योग प्राचीन भारत की एक अमूल्य भेंट है । यह तन और मन, विचार और कार्यकलाप को जोड़ता है, और प्रकृति और मनुष्य के बीच समरसता कायम करता है । योग केवल व्यायाम नहीं है, यह स्वयं को एवं आस-पास की दुनिया से एकाकार होने में मदद करती है।