रेत माफि याओं के खिलाफ सडक़ पर उतरे ग्रामीण

मचांदूर नाका में रात भर रूक कर रेत परिवहन को रोका छत्तीसगढ़ संवाददाता कांकेर, 19 जून। रेत माफि याओं के खिलाफ ग्रामीणों को सडक़ पर आना पड़ा। बड़ी संख्या में ग्रामीण रात भर रेत खदान महानदी जाने के मार्ग पर डटे रहे। ग्रामीणों का कहना है कि अपने मकान बनाने के लिए दो-चार ट्रैक्टर रेत के लिए मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। उनके रेत वाहन को पकड़े जाते हैं। जुर्माना किया जाता है। वहीं रेत माफियाओं को पूरी छूट दे दी जाती है। कई शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं किए जाने पर ग्रामीण जन बड़ी संख्या में जमा होकर चारामा के समीप मचांदूर नाका के पास इक_ा होकर रेत से भरे वाहनों को रोका। वे रात भर रेत परिवहन हो रहे मार्ग पर रास्ता जाम कर दिए। रेत के अवैध परिवहन को लेकर कलेक्टर ने कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने बताया कि सभी रेत खदान बंद है, इसके बावजूद भी रेत निकाली जा रही है तो दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। प्रतिदिन 150 से अधिक हाईवा से हो रहा परिवहन विदित हो कि जिले के चारामा में महानदी के दर्जनों घाटों में बेरोकटोक अवैध उत्खनन जारी है। जिले से बाहर के ठेकेदारों ने चारामा क्षेत्र की महानदी से रेत ले जाने लूट मचा दी है। माहुद के समीप महानदी के रेत खदान से प्रतिदिन 150 से 2 सौ हाईवा वाहन से रेत की तस्करी हो रही है। इसी तरह भिरौदा, तेलगुड़ा, हारडुला खरथा, किलेपार, भिरौद में रात के अंधेरे में रेत का अवैध परिवहन कई दिनो से किया जा रहा है। विदित हो कि मानसून को देखते हुए नदियों से रेत खनन पर एनजीटी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने नदियों में किसी भी तरह की खुदाई पर रोक लगाने आदेश जारी किया है। जो 15 जून से पूरे छत्तीसगढ़ में लागू हो गया है, लेकिन कांकेर जिले में आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है। प्रतिदिन 150 सौ से अधिक हाइवा रेत का परिवहन बेरोक-टोक हो रहा है। बताया जाता है कि बीती रात मचांदुर नाका से रेत की कई गाडिय़ां गुजरने के बाद ग्रामीणों ने रोक लगाने रात लगभग 10 से सुबह 5 बजे तक ग्रामीण सडक़ पर आए। इसके बावजूद भी खनिज विभाग और प्रशासन की ओर से कोई भी अधिकारी वहां पहुंच कर रोक नहीं लगाए। ग्रामीणों का आरोप है कि इस तस्करी के पीछे कुछ नेताओं का भी हाथ है।

रेत माफि याओं के खिलाफ सडक़ पर उतरे ग्रामीण
मचांदूर नाका में रात भर रूक कर रेत परिवहन को रोका छत्तीसगढ़ संवाददाता कांकेर, 19 जून। रेत माफि याओं के खिलाफ ग्रामीणों को सडक़ पर आना पड़ा। बड़ी संख्या में ग्रामीण रात भर रेत खदान महानदी जाने के मार्ग पर डटे रहे। ग्रामीणों का कहना है कि अपने मकान बनाने के लिए दो-चार ट्रैक्टर रेत के लिए मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। उनके रेत वाहन को पकड़े जाते हैं। जुर्माना किया जाता है। वहीं रेत माफियाओं को पूरी छूट दे दी जाती है। कई शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं किए जाने पर ग्रामीण जन बड़ी संख्या में जमा होकर चारामा के समीप मचांदूर नाका के पास इक_ा होकर रेत से भरे वाहनों को रोका। वे रात भर रेत परिवहन हो रहे मार्ग पर रास्ता जाम कर दिए। रेत के अवैध परिवहन को लेकर कलेक्टर ने कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने बताया कि सभी रेत खदान बंद है, इसके बावजूद भी रेत निकाली जा रही है तो दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। प्रतिदिन 150 से अधिक हाईवा से हो रहा परिवहन विदित हो कि जिले के चारामा में महानदी के दर्जनों घाटों में बेरोकटोक अवैध उत्खनन जारी है। जिले से बाहर के ठेकेदारों ने चारामा क्षेत्र की महानदी से रेत ले जाने लूट मचा दी है। माहुद के समीप महानदी के रेत खदान से प्रतिदिन 150 से 2 सौ हाईवा वाहन से रेत की तस्करी हो रही है। इसी तरह भिरौदा, तेलगुड़ा, हारडुला खरथा, किलेपार, भिरौद में रात के अंधेरे में रेत का अवैध परिवहन कई दिनो से किया जा रहा है। विदित हो कि मानसून को देखते हुए नदियों से रेत खनन पर एनजीटी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने नदियों में किसी भी तरह की खुदाई पर रोक लगाने आदेश जारी किया है। जो 15 जून से पूरे छत्तीसगढ़ में लागू हो गया है, लेकिन कांकेर जिले में आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है। प्रतिदिन 150 सौ से अधिक हाइवा रेत का परिवहन बेरोक-टोक हो रहा है। बताया जाता है कि बीती रात मचांदुर नाका से रेत की कई गाडिय़ां गुजरने के बाद ग्रामीणों ने रोक लगाने रात लगभग 10 से सुबह 5 बजे तक ग्रामीण सडक़ पर आए। इसके बावजूद भी खनिज विभाग और प्रशासन की ओर से कोई भी अधिकारी वहां पहुंच कर रोक नहीं लगाए। ग्रामीणों का आरोप है कि इस तस्करी के पीछे कुछ नेताओं का भी हाथ है।