दिल्ली पब्लिक स्कूल ने 12वीं विद्यार्थियों को शुभकामनाओं के साथ दी भावभीनी विदाई

रायपुर, 14 फरवरी। दिल्ली पब्लिक स्कूल रायपुर के प्राचार्य रघुनाथ मुखर्जी ने बताया कि औपचारिक समारोह में वर्षों से छात्र-शिक्षक संबंधों की पावर प्वाइंट प्रस्तुति के साथ बुजुर्गों और युवाओं की भावनाओं को उजागर करते हुए यादों का खजाना सामने आया। डेबोनेयर टक्सीडो और सुंदर साडिय़ों में पहने बारहवीं कक्षा के छात्रों का पारंपरिक शैली में स्वागत किया गया। श्री मुखर्जी ने बताया कि इससे पहले ग्यारहवीं कक्षा के छात्रों ने मेजबान के रूप में अभिनय करते हुए उनके संस्मरणों को हमेशा के लिए कैद करने के लिए लगाए गए फ्लेक्स पर हस्ताक्षर किए। प्रत्येक छात्र का अनुकरण करने वाले असाधारण शीर्षकों के साथ मेजबान टीम द्वारा विदेशी हस्तनिर्मित कार्ड का भी अनुरोध किया गया था। श्री मुखर्जी ने बताया कि मिस प्रियंका खरे और सुनीता मिश्रा ने बैच को बॉन-वॉयेज के जिंगल की शुभकामनाएं दीं, जिन्होंने उन्हें याद दिलाया कि वे केवल सफलता के पीछे न भागें, बल्कि अच्छे इंसान बनने को प्राथमिकता दें। उन्होंने मंत्र जाप करने, ध्यान के रूप में अपने माता-पिता और भगवान के साथ अपने भावनात्मक दबाव को साझा करने पर भी जोर दिया। श्री मुखर्जी ने बताया कि इससे निश्चित रूप से उन्हें अपनी बाधाओं से लडऩे और आशावाद, दृढ़ विश्वास और ईमानदारी के साथ जीवन जीने में मदद मिलेगी। प्रिंसिपल, रघुनाथ मुखर्जी ने भी अपने जीवन के अनुभव, अध्यात्मवाद में विश्वास को अपनी कर्मनिष्ठा की भावना को पुनर्जीवित करने के प्रेरक के रूप में साझा किया। श्री मुखर्जी ने बताया कि साथ ही उन्होंने छात्रों को अवसाद और काम के दबाव से लडऩे के लिए यही सलाह दी। उन्हें स्कूल के राजदूत के रूप में खुद को और दूसरों को रोशन करने के लिए जागृत करने को सफलता का पर्याय बताकर प्रेरित किया गया। यहां तक कि कम संसाधन वाले एक बच्चे को शिक्षित करने की प्रतिज्ञा भी छात्रों द्वारा गंभीरता से दोहराई गई।

दिल्ली पब्लिक स्कूल ने 12वीं विद्यार्थियों को शुभकामनाओं के साथ दी भावभीनी विदाई
रायपुर, 14 फरवरी। दिल्ली पब्लिक स्कूल रायपुर के प्राचार्य रघुनाथ मुखर्जी ने बताया कि औपचारिक समारोह में वर्षों से छात्र-शिक्षक संबंधों की पावर प्वाइंट प्रस्तुति के साथ बुजुर्गों और युवाओं की भावनाओं को उजागर करते हुए यादों का खजाना सामने आया। डेबोनेयर टक्सीडो और सुंदर साडिय़ों में पहने बारहवीं कक्षा के छात्रों का पारंपरिक शैली में स्वागत किया गया। श्री मुखर्जी ने बताया कि इससे पहले ग्यारहवीं कक्षा के छात्रों ने मेजबान के रूप में अभिनय करते हुए उनके संस्मरणों को हमेशा के लिए कैद करने के लिए लगाए गए फ्लेक्स पर हस्ताक्षर किए। प्रत्येक छात्र का अनुकरण करने वाले असाधारण शीर्षकों के साथ मेजबान टीम द्वारा विदेशी हस्तनिर्मित कार्ड का भी अनुरोध किया गया था। श्री मुखर्जी ने बताया कि मिस प्रियंका खरे और सुनीता मिश्रा ने बैच को बॉन-वॉयेज के जिंगल की शुभकामनाएं दीं, जिन्होंने उन्हें याद दिलाया कि वे केवल सफलता के पीछे न भागें, बल्कि अच्छे इंसान बनने को प्राथमिकता दें। उन्होंने मंत्र जाप करने, ध्यान के रूप में अपने माता-पिता और भगवान के साथ अपने भावनात्मक दबाव को साझा करने पर भी जोर दिया। श्री मुखर्जी ने बताया कि इससे निश्चित रूप से उन्हें अपनी बाधाओं से लडऩे और आशावाद, दृढ़ विश्वास और ईमानदारी के साथ जीवन जीने में मदद मिलेगी। प्रिंसिपल, रघुनाथ मुखर्जी ने भी अपने जीवन के अनुभव, अध्यात्मवाद में विश्वास को अपनी कर्मनिष्ठा की भावना को पुनर्जीवित करने के प्रेरक के रूप में साझा किया। श्री मुखर्जी ने बताया कि साथ ही उन्होंने छात्रों को अवसाद और काम के दबाव से लडऩे के लिए यही सलाह दी। उन्हें स्कूल के राजदूत के रूप में खुद को और दूसरों को रोशन करने के लिए जागृत करने को सफलता का पर्याय बताकर प्रेरित किया गया। यहां तक कि कम संसाधन वाले एक बच्चे को शिक्षित करने की प्रतिज्ञा भी छात्रों द्वारा गंभीरता से दोहराई गई।