बीजापुर सहायक आयुक्त बनाये गये डॉ. आनंद बोले बच्चों को मूलभुत सुविधाएं दिलाने प्रयासरत

छत्तीसगढ़ संवाददाता बीजापुर, 13 जून। मंगलवार को आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग में सहायक आयुक्त के रूप में डॉ. आनंद जी सिंह ने पदभार ग्रहण कर लिया है। ज्ञात हो कि इससे पहले वे दंतेवाड़ा में 3 साल तक सहायक आयुक्त के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। बीजापुर के नए सहायक आयुक्त रूप में पदस्थ हुए डॉ. आनंद जी सिंह ने बताया कि जिले में 188 बालक - बालिका आश्रम हंै, जिसमें 15 हजार से अधिक बच्चे रहते हैं। हमारी पहली प्राथमिकता है कि बच्चों को पोष्टीक भोजन मिले। जिससे की बच्चे स्वस्थ्य रहे, वहीं बच्चों को हम मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा पाएं, इसके लिए हम प्रयासरत रहेंगे। वहीं शासन की कल्याणकारी योजनाओं को अन्य विभागों से समन्वय करके उन योजनाओं का क्रियान्वयन करने की बात कही। उन्होंने कहा कि स्वस्थ तन और स्वस्थ मन योजना के तहत जिन अंदरूनी आश्रमों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं है, उन आश्रमों में भी बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए डॉक्टर और नर्स को भेजा जायेगा। आश्रमों में पहचान पत्र दिखाने के बाद ही होगी पालकों की एंट्री सहायक आयुक्त डॉ.आनंद जी सिंह ने कहा कि आश्रमों में बच्चों से मिलने सिर्फ छात्र - छात्राओं के माता-पिता या उसका सगे भाई को ही अनुमति होगी। रिश्तेदार को मिलने की अनुमति नहीं होगी। पालक भी तभी मिल सकेंगे जब उनके पास फोटोयुक्त पहचान पत्र होगा। सहायक आयुक्त का कहना है कि ये सब बदलाव इसलिए किये जा रहे हैं, क्योंकि बच्चों के साथ कोई गलत चीजे न हो। उन्होंने कहा कि आश्रमों में जिन अधीक्षकों की नियुक्ति की गई है वो भी आश्रम में ही रहें। आश्रमों में नहीं रहने वाले अधीक्षकों पर भी कार्रवाई की जाएगी। वहीं आगंतुक पंजी भी मेंटेन की जाएगी। जिससे कि आश्रमों में आने जाने वाले लोगों की जानकारी रहे। वहीं मंडल संयोजकों से भी आश्रमों का दौरा कर समय समय पर रिपोर्ट मंगाई जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि वे भी आश्रमों का दौरा करेंगे, जिससे की जो भी कमी होगी, उसे वो पूरा करने का प्रयास करेंगे।

बीजापुर सहायक आयुक्त  बनाये गये डॉ. आनंद  बोले बच्चों को मूलभुत सुविधाएं दिलाने प्रयासरत
छत्तीसगढ़ संवाददाता बीजापुर, 13 जून। मंगलवार को आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग में सहायक आयुक्त के रूप में डॉ. आनंद जी सिंह ने पदभार ग्रहण कर लिया है। ज्ञात हो कि इससे पहले वे दंतेवाड़ा में 3 साल तक सहायक आयुक्त के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। बीजापुर के नए सहायक आयुक्त रूप में पदस्थ हुए डॉ. आनंद जी सिंह ने बताया कि जिले में 188 बालक - बालिका आश्रम हंै, जिसमें 15 हजार से अधिक बच्चे रहते हैं। हमारी पहली प्राथमिकता है कि बच्चों को पोष्टीक भोजन मिले। जिससे की बच्चे स्वस्थ्य रहे, वहीं बच्चों को हम मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा पाएं, इसके लिए हम प्रयासरत रहेंगे। वहीं शासन की कल्याणकारी योजनाओं को अन्य विभागों से समन्वय करके उन योजनाओं का क्रियान्वयन करने की बात कही। उन्होंने कहा कि स्वस्थ तन और स्वस्थ मन योजना के तहत जिन अंदरूनी आश्रमों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं है, उन आश्रमों में भी बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए डॉक्टर और नर्स को भेजा जायेगा। आश्रमों में पहचान पत्र दिखाने के बाद ही होगी पालकों की एंट्री सहायक आयुक्त डॉ.आनंद जी सिंह ने कहा कि आश्रमों में बच्चों से मिलने सिर्फ छात्र - छात्राओं के माता-पिता या उसका सगे भाई को ही अनुमति होगी। रिश्तेदार को मिलने की अनुमति नहीं होगी। पालक भी तभी मिल सकेंगे जब उनके पास फोटोयुक्त पहचान पत्र होगा। सहायक आयुक्त का कहना है कि ये सब बदलाव इसलिए किये जा रहे हैं, क्योंकि बच्चों के साथ कोई गलत चीजे न हो। उन्होंने कहा कि आश्रमों में जिन अधीक्षकों की नियुक्ति की गई है वो भी आश्रम में ही रहें। आश्रमों में नहीं रहने वाले अधीक्षकों पर भी कार्रवाई की जाएगी। वहीं आगंतुक पंजी भी मेंटेन की जाएगी। जिससे कि आश्रमों में आने जाने वाले लोगों की जानकारी रहे। वहीं मंडल संयोजकों से भी आश्रमों का दौरा कर समय समय पर रिपोर्ट मंगाई जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि वे भी आश्रमों का दौरा करेंगे, जिससे की जो भी कमी होगी, उसे वो पूरा करने का प्रयास करेंगे।