प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 500 से भी अधिक विकेट लेने वाले शहबाज़ नदीम ने लिया संन्यास

नई दिल्ली, 5 मार्च। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 500 से भी अधिक विकेट लेने वाले बाएं हाथ के अनुभवी गेंदबाज़ शहबाज़ नदीम ने सभी फ़ॉर्मेट से संन्यास ले लिया है। नदीम ने इस रणजी सीज़न में राजस्थान के ख़िलाफ़ अपना आख़िरी प्रथम श्रेणी मैच खेला था। संन्यास के बाद वह विश्व भर के अलग-अलग टी20 लीगों में हिस्सा लेने का मन बना रहे हैं। हाल ही में झारखंड के दो और वरिष्ठ क्रिकेटर सौरभ तिवारी और वरूण आरोन ने भी संन्यास की घोषणा की थी। क्रिकइंफो हिंदी के साथ बात करते हुए नदीम ने कहा, मैं काफ़ी समय से अपने संन्यास के फ़ैसले पर विचार कर रहा था और अब मैंने यह फ़ैसला लिया है कि मैं तीनों फ़ॉर्मेट से संन्यास ले रहा हूं। मुझे हमेशा से ऐसा लगता है कि जब आपके पास कोई मोटिवेशन हो तो आप हमेशा ख़ुद को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। हालांकि अब मुझे जब पता है कि भारतीय टीम में मुझे मौक़ा नहीं मिल सकता तो यह बेहतर है कि मैं युवा क्रिकेटरों को मौक़ा दूं। साथ ही अब मैं दुनिया भर की टी20 लीग में खेलने का भी मन बना रहा हूं। नदीम ने भारत के लिए दो टेस्ट मैच खेले। उन्होंने अपना पदार्पण मैच रांची में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ अक्टूबर 2019 में खेला था। जहां उन्होंने चार विकेट लिए थे। इसके बाद उन्हें 2021 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ एक मैच खेलने का मौक़ा मिला था। साथ ही आईपीएल में उन्होंने दिल्ली डेयरडेविल्स और सनराइज़र्स हैदराबाद की टीम से कुल 72 मैच खेले। नदीम अपने संन्यास के बारे में कहते हैं, मैं हमेशा चाहता हूं कि ज़्यादा इमोशनल होकर कोई फ़ैसला न लिया जाए। मैं 20 साल से झारखंड की टीम से खेल रहा हूं। भले ही हम रणजी ट्रॉफ़ी नहीं जीत पाए हैं लेकिन हमने एक मज़बूत टीम की आधारशिला रखी है, जो हर दूसरे-तीसरे साल रणजी या अलग-अलग घरेलू टूर्नामेंट के नॉकआउट में पहुंचती है। आज घरेलू क्रिकेट में कोई भी झारखंड की टीम को हल्के में नहीं लेता है। मुझे ऐसा लगा कि अब मुझे यह काम युवाओं को सौंपना चाहिए और मुझे पूरा विश्वास है कि वह हमारी टीम के लिए आने वाले समय में बड़ी ट्रॉफ़ी जीतेंगे। नदीम 2015-16 और 2016-17 में रणजी ट्रॉफ़ी के सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ थे। इसके अलावा 2018 की विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में भी वह सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ रहे। साथ ही 2018 के विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में उन्होंने राजस्थान के ख़िलाफ़ सिर्फ़ 10 रन देकर आठ विकेट लेते हुए विश्व रिकॉर्ड बनाया था। यह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में, किसी एक पारी में अब तक का सबसे अच्छा गेंदबाज़ी आंकड़ा है। 2013 से 2020 तक उन्होंने इंडिया ए के लिए खेलते हुए 28.46 की औसत से सर्वाधिक 83 विकेट भी लिए थे। नदीम ने अपने बचपन के कोच इम्तियाज़ हुसैन को विशेष धन्यवाद देते हुए कहा, वह एक ऐसे इंसान हैं, जिन्होंने मुझे हाथ पकड़ पर गेंदबाज़ी करना सिखाया है। आज भी मैं अपनी गेंदबाज़ी के बारे में उन्ही से सलाह लेता हूं। इसके अलावा इंडिगो क्लब से जुड़े एस रहमान ने भी मेरा जिस तरह से साथ दिया, उसे मैं कभी नहीं भूलूंगा। शायद इन्हीं लोगों और अपने परिवार के कारण मैं इतने वर्षों तक क्रिकेट के मैदान पर अपनी यात्रा को आगे बढ़ाते आया हूं। शाहबाज़ घरेलू क्रिकेट में रणजी ट्रॉफ़ी के आठवें सबसे अधिक विकेट( 416) लेने वाले गेंदबाज़ के रूप में क्रिकेट को अलविदा कह रहे हैं। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उन्होंने 140 मैचों में 28.86 की औसत से कुल 542 विकेट लिए हैं। इसके अलावा लिस्ट में 175 और टी20 में उनके नाम 125 विकेट हैं। (आईएएनएस)

प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 500 से भी अधिक विकेट लेने वाले शहबाज़ नदीम ने लिया संन्यास
नई दिल्ली, 5 मार्च। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 500 से भी अधिक विकेट लेने वाले बाएं हाथ के अनुभवी गेंदबाज़ शहबाज़ नदीम ने सभी फ़ॉर्मेट से संन्यास ले लिया है। नदीम ने इस रणजी सीज़न में राजस्थान के ख़िलाफ़ अपना आख़िरी प्रथम श्रेणी मैच खेला था। संन्यास के बाद वह विश्व भर के अलग-अलग टी20 लीगों में हिस्सा लेने का मन बना रहे हैं। हाल ही में झारखंड के दो और वरिष्ठ क्रिकेटर सौरभ तिवारी और वरूण आरोन ने भी संन्यास की घोषणा की थी। क्रिकइंफो हिंदी के साथ बात करते हुए नदीम ने कहा, मैं काफ़ी समय से अपने संन्यास के फ़ैसले पर विचार कर रहा था और अब मैंने यह फ़ैसला लिया है कि मैं तीनों फ़ॉर्मेट से संन्यास ले रहा हूं। मुझे हमेशा से ऐसा लगता है कि जब आपके पास कोई मोटिवेशन हो तो आप हमेशा ख़ुद को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। हालांकि अब मुझे जब पता है कि भारतीय टीम में मुझे मौक़ा नहीं मिल सकता तो यह बेहतर है कि मैं युवा क्रिकेटरों को मौक़ा दूं। साथ ही अब मैं दुनिया भर की टी20 लीग में खेलने का भी मन बना रहा हूं। नदीम ने भारत के लिए दो टेस्ट मैच खेले। उन्होंने अपना पदार्पण मैच रांची में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ अक्टूबर 2019 में खेला था। जहां उन्होंने चार विकेट लिए थे। इसके बाद उन्हें 2021 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ एक मैच खेलने का मौक़ा मिला था। साथ ही आईपीएल में उन्होंने दिल्ली डेयरडेविल्स और सनराइज़र्स हैदराबाद की टीम से कुल 72 मैच खेले। नदीम अपने संन्यास के बारे में कहते हैं, मैं हमेशा चाहता हूं कि ज़्यादा इमोशनल होकर कोई फ़ैसला न लिया जाए। मैं 20 साल से झारखंड की टीम से खेल रहा हूं। भले ही हम रणजी ट्रॉफ़ी नहीं जीत पाए हैं लेकिन हमने एक मज़बूत टीम की आधारशिला रखी है, जो हर दूसरे-तीसरे साल रणजी या अलग-अलग घरेलू टूर्नामेंट के नॉकआउट में पहुंचती है। आज घरेलू क्रिकेट में कोई भी झारखंड की टीम को हल्के में नहीं लेता है। मुझे ऐसा लगा कि अब मुझे यह काम युवाओं को सौंपना चाहिए और मुझे पूरा विश्वास है कि वह हमारी टीम के लिए आने वाले समय में बड़ी ट्रॉफ़ी जीतेंगे। नदीम 2015-16 और 2016-17 में रणजी ट्रॉफ़ी के सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ थे। इसके अलावा 2018 की विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में भी वह सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ रहे। साथ ही 2018 के विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में उन्होंने राजस्थान के ख़िलाफ़ सिर्फ़ 10 रन देकर आठ विकेट लेते हुए विश्व रिकॉर्ड बनाया था। यह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में, किसी एक पारी में अब तक का सबसे अच्छा गेंदबाज़ी आंकड़ा है। 2013 से 2020 तक उन्होंने इंडिया ए के लिए खेलते हुए 28.46 की औसत से सर्वाधिक 83 विकेट भी लिए थे। नदीम ने अपने बचपन के कोच इम्तियाज़ हुसैन को विशेष धन्यवाद देते हुए कहा, वह एक ऐसे इंसान हैं, जिन्होंने मुझे हाथ पकड़ पर गेंदबाज़ी करना सिखाया है। आज भी मैं अपनी गेंदबाज़ी के बारे में उन्ही से सलाह लेता हूं। इसके अलावा इंडिगो क्लब से जुड़े एस रहमान ने भी मेरा जिस तरह से साथ दिया, उसे मैं कभी नहीं भूलूंगा। शायद इन्हीं लोगों और अपने परिवार के कारण मैं इतने वर्षों तक क्रिकेट के मैदान पर अपनी यात्रा को आगे बढ़ाते आया हूं। शाहबाज़ घरेलू क्रिकेट में रणजी ट्रॉफ़ी के आठवें सबसे अधिक विकेट( 416) लेने वाले गेंदबाज़ के रूप में क्रिकेट को अलविदा कह रहे हैं। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उन्होंने 140 मैचों में 28.86 की औसत से कुल 542 विकेट लिए हैं। इसके अलावा लिस्ट में 175 और टी20 में उनके नाम 125 विकेट हैं। (आईएएनएस)