एनसीएलटी ने टाटा मेटालिक्स को मूल कंपनी में विलय की मंजूरी दी

एनसीएलटी ने टाटा मेटालिक्स को मूल कंपनी में विलय की मंजूरी दी नई दिल्ली  राष्ट्रीय...

एनसीएलटी ने टाटा मेटालिक्स को मूल कंपनी में विलय की मंजूरी दी

एनसीएलटी ने टाटा मेटालिक्स को मूल कंपनी में विलय की मंजूरी दी

नई दिल्ली
 राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने टाटा मेटालिक्स लिमिटेड को उसकी मूल कंपनी टाटा स्टील में विलय की मंजूरी दे दी है। इससे अनुषंगी कंपनी के वित्तीय परिणामों की घोषणा से पहले निदेशक मंडल की बैठक रद्द कर दी गई है।

टाटा मेटालिक्स ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि कंपनी के वित्तीय नतीजे घोषित करने के लिए 12 जनवरी को होने वाली निदेशक मंडल की बैठक रद्द कर दी गई है।

कंपनी के अनुसार, एनसीएलटी मुंबई ने  टाटा मेटालिक्स के मूल कंपनी टाटा स्टील लिमिटेड में विलय की योजना को मंजूरी देने का आदेश सुनाया।

टेटा मेटालिक्स ने कहा, ‘‘आदेश की घोषणा के साथ…31 दिसंबर 2023 को समाप्त तिमाही और (वित्त वर्ष 2023-24 के) नौ महीनों के टाटा मेटालिक्स के वित्तीय परिणामों पर टाटा स्टील के वित्तीय परिणामों के साथ गौर किया जाएगा।''

'वैक्यूम स्टील' बोतलों के घरेलू निर्माताओं ने सरकार से चीन से आयात पर रोक लगाने का किया आग्रह

नई दिल्ली
 ऑल इंडिया स्टील बॉटल एसोसिएशन (एआईएसबीए) ने सरकार से भारत में घटिया और सस्ते स्टील 'वैक्यूम फ्लास्क' के आयात को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया है।

उद्योग निकाय ने आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि चीन और अन्य देशों से वैक्यूम स्टील की बोतलों का आयात बढ़ रहा है। देश में 2019-20 से 2022-23 तक उत्पाद के आयात में 35 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।

एआईएसबीए के कोषाध्यक्ष भरत अग्रवाल ने सरकार को बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) के आदेश के तहत आयात छूट का विस्तार नहीं करने का भी सुझाव दिया।

उन्होंने कहा कि आदेशानुसार ''14 जनवरी आखिरी तारीख है जब आयात किए जाने वाले उत्पादों को बीआईएस द्वारा अनुमोदित किया जाना है।''

उन्होंने कहा कि उत्पाद बीआईएस मानकों के अनुरूप नहीं हैं, इसलिए सरकार को स्थानीय निर्माताओं के समक्ष पेश होने वाली समस्याओं को देखते हुए छूट नहीं बढ़ानी चाहिए, जिन्होंने (स्थानीय निर्माताओं) भारतीय बाजार में लगभग 1,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

अग्रवाल ने कहा, ‘‘हम अपनी वास्तविक विनिर्माण लागत से कम कीमत पर भारत में आने वाले आयात की चुनौतियों के कारण अपनी 100 प्रतिशत क्षमता का इस्तेमाल करने में भी असमर्थ हैं। हमारे पास प्रति दिन 1,90,000 इकाई की स्थापित क्षमता है और हम प्रति दिन 38,000 इकाई का उत्पादन करते हैं, जो निर्धारित क्षमता का 20 प्रतिशत है।''

उद्योग निकाय के अनुसार, सरकारी हस्तक्षेप से घरेलू कंपनियों को सालाना आधार पर अपनी क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी और छह महीने के भीतर रोजगार के 25,000 अवसर उत्पन्न होंगे। वर्तमान में उद्योग करीब 9,500 लोगों को रोजगार देता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम कनाडा, रूस जैसे ठंडे इलाकों और ब्राजील जैसे गर्म स्थानों वाले अपतटीय बाजारों की भी पहचान कर रहे हैं।''

उन्होंने कहा कि 204 ग्रेड की आयातित स्टील बोतलों के विपरीत, भारत में निर्मित बोतलें बीआईएस अनुमोदित 304 ग्रेड की हैं, जो पानी के तापमान को 12-18 घंटे तक समान रखती हैं।

बंगाल के परिधान उद्योग की क्रेताओं एवं विक्रेताओं की बैठक से 850 करोड़ रुपये का कारोबार

कोलकाता
डब्ल्यूबीजीएमडीए की परिधान क्रेताओं एवं विक्रेताओं की 55वीं बैठक में थोक सौदों से अनुमानित 850 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। एक अधिकारी ने  यह जानकारी दी।

बयान के अनुसार, पश्चिम बंगाल गारमेंट एंड मैन्युफैक्चरर एंड डीलर्स एसोसिएशन (डब्ल्यूबीजीएमडीए) के तीन दिवसीय कार्यक्रम में 900 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ब्रांड ने हिस्सा लिया।

डब्ल्यूबीजीएमडीए के अध्यक्ष हरी किशन राठी ने कहा, ‘‘यह उद्योग पहले से ही देश में सबसे बड़े कार्यबल में से एक है। इससे 50 लाख से अधिक कर्मचारी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं।''

उन्होंने कहा, ‘‘900 राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय ब्रांड की भागीदारी से 850 करोड़ रुपये का व्यापारिक लेनदेन बंगाल के रेडीमेड परिधान उद्योग का विस्तार करने की इस बैठक की क्षमता को और बढ़ता है। हम कपड़ा और परिधान क्षेत्र, खासकर कपड़ा व्यवसायों तथा विपणन अवसरों को बढ़ावा देने में सरकार के निरंतर समर्थन के बेहद आभारी हैं''