इतनी बार मंदिर जाते तो भगवान दर्शन दे देते...

दंडवत करते कलेक्टोरेट पहुंचे पति-पत्नी छत्तीसगढ़ संवाददाता सारंगढ़, 1 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ के नवगठित सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में सोमवार दोपहर उस समय अनोखा नजारा देखने को मिला, जब कई बार आवेदन देने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं होने से एक दंपत्ति जोड़ा दंडवत करते कलेक्टर कार्यालय पहुंचा। इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के ग्राम टुड्री निवासी घनश्याम श्रीवास अपनी पत्नी के साथ 35 किलोमीटर दूर से सारंगढ़ जिला मुख्यालय पहुंचा था और वह और उसकी पत्नी कलेक्टर कार्यालय के गेट से लेकर अधिकारी के चेंबर तक दंडवत करते न्याय की गुहार लगाने दफ्तर तक पहुँचे। यह नजारा देखकर मौके पर मौजूद लोगों ने आश्चर्य जाहिर किया। इस तरह आया मन में ख्याल घनश्याम श्रीवास ने बताया कि कलेक्टर कार्यालय रूपी जो मंदिर है, उसमें भगवान के रूप में हमारे कलेक्टर साहब हैं। उनसे मिलते-मिलते हम लोग थक चुके हैं। जितने बार हम यहां आये है, उतना हमारे पास पावती है, उतना अगर नारियल लेकर किसी मंदिर में जाते तो शायद भगवान दर्शन देने को मजबूर हो जाते। कई बार हम लोगों ने कलेक्टर, एसडीएम के अलावा मुख्यमंत्री तक को आवेदन दे चुके हैं, फिर भी हमारा काम नहीं हुआ। सीने में आवेदनों को चिपकाकर पहुंचा अपनी जमीन का मुआवजा मांगने पहुंचे पति-पत्नी के इस अनोखे प्रदर्शन में सबसे बड़ी बात यह थी कि 13 साल के भीतर जितने भी आवेदन कलेक्टर कार्यालय के अलावा अन्य अधिकारियों व मंत्रियों को भेजे थे, वो सभी अपने सीनें में चिपकाकर ये दंपत्ति कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचे थे। जिसमें कलेक्टर के नाम पांच आवेदन, एसडीएम के पास चार बार का आवेदन, मुख्यमंत्री के पास 2 बार का आवेदन शामिल था। सोनिया जलाशय में गई जमीन घनश्याम श्रीवास ने बताया कि करीब 13 साल पहले सोनिया जलाशय में उसकी बेशकीमती जमीन डूबान क्षेत्र में चली गई है। उक्त जमीन के मुआवजे के लिये एक बार नही वह कई बार आवेदन दे चुका है इसके बावजूद आज तक उसकी जमीन के बदले मुआवजा नहीं मिल सका। आत्मदाह की चेतावनी घनश्याम श्रीवास का यह भी कहना है कि अगर आने वाले 15 दिनों के भीतर उनका काम नहीं होता है और उन्हें मुआवजा नहीं मिलता है तो वह राजधानी रायपुर पहुंचकर मुख्यमंत्री निवास के सामने परिवार के साथ आत्मदाह करने को मजबूर हो जाएगा। इस संबंध में अपर कलेक्टर सारंगढ़ वर्षा बंसल ने बताया कि सोनिया जलाशय योजना के डूबान क्षेत्र ग्राम मलुहा का आवेदन मिला है। हमें इसकी जानकारी मिली है इस पर जल्द ही नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

इतनी बार मंदिर जाते तो भगवान दर्शन दे देते...

दंडवत करते कलेक्टोरेट पहुंचे पति-पत्नी छत्तीसगढ़ संवाददाता सारंगढ़, 1 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ के नवगठित सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में सोमवार दोपहर उस समय अनोखा नजारा देखने को मिला, जब कई बार आवेदन देने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं होने से एक दंपत्ति जोड़ा दंडवत करते कलेक्टर कार्यालय पहुंचा। इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के ग्राम टुड्री निवासी घनश्याम श्रीवास अपनी पत्नी के साथ 35 किलोमीटर दूर से सारंगढ़ जिला मुख्यालय पहुंचा था और वह और उसकी पत्नी कलेक्टर कार्यालय के गेट से लेकर अधिकारी के चेंबर तक दंडवत करते न्याय की गुहार लगाने दफ्तर तक पहुँचे। यह नजारा देखकर मौके पर मौजूद लोगों ने आश्चर्य जाहिर किया। इस तरह आया मन में ख्याल घनश्याम श्रीवास ने बताया कि कलेक्टर कार्यालय रूपी जो मंदिर है, उसमें भगवान के रूप में हमारे कलेक्टर साहब हैं। उनसे मिलते-मिलते हम लोग थक चुके हैं। जितने बार हम यहां आये है, उतना हमारे पास पावती है, उतना अगर नारियल लेकर किसी मंदिर में जाते तो शायद भगवान दर्शन देने को मजबूर हो जाते। कई बार हम लोगों ने कलेक्टर, एसडीएम के अलावा मुख्यमंत्री तक को आवेदन दे चुके हैं, फिर भी हमारा काम नहीं हुआ। सीने में आवेदनों को चिपकाकर पहुंचा अपनी जमीन का मुआवजा मांगने पहुंचे पति-पत्नी के इस अनोखे प्रदर्शन में सबसे बड़ी बात यह थी कि 13 साल के भीतर जितने भी आवेदन कलेक्टर कार्यालय के अलावा अन्य अधिकारियों व मंत्रियों को भेजे थे, वो सभी अपने सीनें में चिपकाकर ये दंपत्ति कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचे थे। जिसमें कलेक्टर के नाम पांच आवेदन, एसडीएम के पास चार बार का आवेदन, मुख्यमंत्री के पास 2 बार का आवेदन शामिल था। सोनिया जलाशय में गई जमीन घनश्याम श्रीवास ने बताया कि करीब 13 साल पहले सोनिया जलाशय में उसकी बेशकीमती जमीन डूबान क्षेत्र में चली गई है। उक्त जमीन के मुआवजे के लिये एक बार नही वह कई बार आवेदन दे चुका है इसके बावजूद आज तक उसकी जमीन के बदले मुआवजा नहीं मिल सका। आत्मदाह की चेतावनी घनश्याम श्रीवास का यह भी कहना है कि अगर आने वाले 15 दिनों के भीतर उनका काम नहीं होता है और उन्हें मुआवजा नहीं मिलता है तो वह राजधानी रायपुर पहुंचकर मुख्यमंत्री निवास के सामने परिवार के साथ आत्मदाह करने को मजबूर हो जाएगा। इस संबंध में अपर कलेक्टर सारंगढ़ वर्षा बंसल ने बताया कि सोनिया जलाशय योजना के डूबान क्षेत्र ग्राम मलुहा का आवेदन मिला है। हमें इसकी जानकारी मिली है इस पर जल्द ही नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।