सीएम बोले- संभाग स्तर पर खोले जाएंगे क्रिस्प सेंटर:राज्यपाल ने कहा- रोजगार की डिमांड पर कौशल विकास प्रोग्राम डिजाइन करे क्रिस्प

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि क्रिस्प प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों के उद्योगों में रोजगार की मांग का आकलन कर उसके अनुसार कौशल विकास के कार्यक्रम डिजाइन करें। स्थानीय उद्योगों की मांग के अनुरूप स्थानीय विद्यार्थियों का कौशल विकास करें जिससे उन्हें अपने क्षेत्र में ही रोजगार प्राप्त हो सकें। उधर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में संभागीय मुख्यालय स्तर पर क्रिस्प के सेंटर खोले जाएंगे और इसकी शुरुआत उज्जैन से होगी। मंगलवार को राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में सेंटर फॉर रिसर्च एण्ड इंडस्ट्रियल स्टॉफ परफॉर्मेंस (क्रिस्प) के 29वें स्थापना दिवस में राज्यपाल पटेल ने कही कि इस संस्थान ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत कौशल विकास के कार्यक्रमों से युवाओं को आत्मनिर्भरता की नई राह दिखाई है। सरकार के कार्यक्रमों ने विशेष कर बेटियों को भी आगे बढ़ने के अवसर दिए हैं। इसी का सुखद परिणाम है कि अब आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपल आईटी जैसे संस्थानों के दाखिलों में बेटियों की भागीदारी बढ़ने लगी है। रोजगार अवसर बढ़ाने फोरलेन मॉडल कारगर राज्यपाल पटेल ने कहा कि भारत में रोजगार अवसरों को बढ़ाने के लिए 'फोरलेन मॉडल' कारगर भूमिका निभा सकता है। इसमें विकेंद्रीकरण, स्वदेशी, उद्यमिता और सहकारिता शामिल हैं। ऐसा देखा गया है जब देश में सहकारिता आधारित उद्योग सक्रिय होते हैं तो देश में सामाजिक समरसता को भी गतिशीलता मिलती है। भारत में लगभग 11 करोड़ लोगों ने लघु और कुटीर उद्योगों के माध्यम से स्वरोजगार को अपनाया है, जो रोजगार के लगभग 20% से अधिक है। उन्होंने कहा कि संस्थान, प्रशिक्षण प्रयासों में स्किल डेवलपमेंट के साथ स्किल अपडेशन के नए कार्यक्रमों का आयोजन करें। उज्जैन में स्थापित होगा क्रिस्प का पहला संभागीय केन्द्र : मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने क्रिस्प के 29वें स्थापना दिवस कार्यक्रम के लिए वीडियो संदेश में कहा कि सेंटर फॉर रिसर्च एंड इंडस्ट्रियल स्टाफ परफॉर्मेंस (क्रिस्प) के केन्द्रों का विस्तार संभाग स्तर तक किया जाएगा। प्रदेश में औद्योगिक और निवेश गतिविधियों के विस्तार के परिणाम स्वरूप कुशल श्रमिकों की मांग लगातार बढ़ रही है। इसके दृष्टिगत प्रदेश में कौशल उन्नयन के लिए आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से क्रिस्प के केन्द्रों की संभाग स्तर पर स्थापना से प्रदेश के युवाओं को लाभ होगा। संभाग स्तर पर क्रिस्प के केन्द्र स्थापित करने की शुरुआत उज्जैन से की जाएगी। क्रिस्प कौशल विकास का प्रतिष्ठित केन्द्र : मंत्री परमार तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि क्रिस्प कौशल विकास का प्रतिष्ठित केन्द्र है। बदलते समय के साथ संस्थान को नई जरूरतों के अनुरूप नए पाठ्यक्रम चलाना चाहिए। कार्यक्रम में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल, क्रांति सूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय खरगौन और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के साथ क्रिस्प के सहकार्ता अनुबंध (एमओयू) का आदान-प्रदान किया गया। प्रदेश में 1997 में भारत-जर्मन तकनीकी सहयोग समझौते के तहत स्थापित तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की स्वशासी संस्था क्रिस्प प्रदेश की अग्रणी संस्थाओं में से एक है। विगत 28 वर्षों से यह संस्था कौशल विकास, औद्योगिक प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में गतिविधियां संचालित कर रही है। क्रिस्प ने प्रदेश के लगभग एक लाख 50 हजार विद्यार्थियों, 1500 प्रशिक्षकों और राज्य शासन के 10 हजार से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया है।

सीएम बोले- संभाग स्तर पर खोले जाएंगे क्रिस्प सेंटर:राज्यपाल ने कहा- रोजगार की डिमांड पर कौशल विकास प्रोग्राम डिजाइन करे क्रिस्प
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि क्रिस्प प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों के उद्योगों में रोजगार की मांग का आकलन कर उसके अनुसार कौशल विकास के कार्यक्रम डिजाइन करें। स्थानीय उद्योगों की मांग के अनुरूप स्थानीय विद्यार्थियों का कौशल विकास करें जिससे उन्हें अपने क्षेत्र में ही रोजगार प्राप्त हो सकें। उधर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में संभागीय मुख्यालय स्तर पर क्रिस्प के सेंटर खोले जाएंगे और इसकी शुरुआत उज्जैन से होगी। मंगलवार को राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में सेंटर फॉर रिसर्च एण्ड इंडस्ट्रियल स्टॉफ परफॉर्मेंस (क्रिस्प) के 29वें स्थापना दिवस में राज्यपाल पटेल ने कही कि इस संस्थान ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत कौशल विकास के कार्यक्रमों से युवाओं को आत्मनिर्भरता की नई राह दिखाई है। सरकार के कार्यक्रमों ने विशेष कर बेटियों को भी आगे बढ़ने के अवसर दिए हैं। इसी का सुखद परिणाम है कि अब आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपल आईटी जैसे संस्थानों के दाखिलों में बेटियों की भागीदारी बढ़ने लगी है। रोजगार अवसर बढ़ाने फोरलेन मॉडल कारगर राज्यपाल पटेल ने कहा कि भारत में रोजगार अवसरों को बढ़ाने के लिए 'फोरलेन मॉडल' कारगर भूमिका निभा सकता है। इसमें विकेंद्रीकरण, स्वदेशी, उद्यमिता और सहकारिता शामिल हैं। ऐसा देखा गया है जब देश में सहकारिता आधारित उद्योग सक्रिय होते हैं तो देश में सामाजिक समरसता को भी गतिशीलता मिलती है। भारत में लगभग 11 करोड़ लोगों ने लघु और कुटीर उद्योगों के माध्यम से स्वरोजगार को अपनाया है, जो रोजगार के लगभग 20% से अधिक है। उन्होंने कहा कि संस्थान, प्रशिक्षण प्रयासों में स्किल डेवलपमेंट के साथ स्किल अपडेशन के नए कार्यक्रमों का आयोजन करें। उज्जैन में स्थापित होगा क्रिस्प का पहला संभागीय केन्द्र : मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने क्रिस्प के 29वें स्थापना दिवस कार्यक्रम के लिए वीडियो संदेश में कहा कि सेंटर फॉर रिसर्च एंड इंडस्ट्रियल स्टाफ परफॉर्मेंस (क्रिस्प) के केन्द्रों का विस्तार संभाग स्तर तक किया जाएगा। प्रदेश में औद्योगिक और निवेश गतिविधियों के विस्तार के परिणाम स्वरूप कुशल श्रमिकों की मांग लगातार बढ़ रही है। इसके दृष्टिगत प्रदेश में कौशल उन्नयन के लिए आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से क्रिस्प के केन्द्रों की संभाग स्तर पर स्थापना से प्रदेश के युवाओं को लाभ होगा। संभाग स्तर पर क्रिस्प के केन्द्र स्थापित करने की शुरुआत उज्जैन से की जाएगी। क्रिस्प कौशल विकास का प्रतिष्ठित केन्द्र : मंत्री परमार तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि क्रिस्प कौशल विकास का प्रतिष्ठित केन्द्र है। बदलते समय के साथ संस्थान को नई जरूरतों के अनुरूप नए पाठ्यक्रम चलाना चाहिए। कार्यक्रम में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल, क्रांति सूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय खरगौन और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के साथ क्रिस्प के सहकार्ता अनुबंध (एमओयू) का आदान-प्रदान किया गया। प्रदेश में 1997 में भारत-जर्मन तकनीकी सहयोग समझौते के तहत स्थापित तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की स्वशासी संस्था क्रिस्प प्रदेश की अग्रणी संस्थाओं में से एक है। विगत 28 वर्षों से यह संस्था कौशल विकास, औद्योगिक प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में गतिविधियां संचालित कर रही है। क्रिस्प ने प्रदेश के लगभग एक लाख 50 हजार विद्यार्थियों, 1500 प्रशिक्षकों और राज्य शासन के 10 हजार से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया है।