आरोपियों के घर बुलडोजर चलने व मांग पूरी नहीं होने से पहले नहीं करेंगे रिशु का अंतिम संस्कार- पिता

छत्तीसगढ़ संवाददाता प्रतापपुर, 4 मार्च। अगवा कर हत्या के मामले में आरोपियों का घर तोडऩे से पहले पिता ने मृतक रिशु कश्यप की जली हुई अस्थियां अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है। रिशु कश्यप की पहचान के लिए उसकी अस्थियों का पुलिस डीएनए टेस्ट कराएगी। रविवार को फॉरेंसिक एक्सपर्ट कुलदीप कुजुर प्रतापपुर पहुंचे और रिशु के माता-पिता का ब्लड सैंपल लिया। लोगों का मानना है कि रिशु कश्यप का हत्या हुई एक महीना से ऊपर हो गया तथा जले हुए कंकाल मिलने के बाद अब तक डीएनए टेस्ट नहीं होना यह बहुत बड़ी चूक मानी जा रही है। जांच कार्यवाही के नाम से लगभग 9 दिन बीत जाने के बाद भी आज तक रिशु कश्यप के हस्तियों का डीएनए टेस्ट नहीं हो पाना समझ से परे है। वहीं प्रतापपुर में आक्रोश का माहौल बढ़ता जा रहा है। प्रतापपुर के नाश्ता वा चना बादाम ठेला व्यवसायी अशोक कश्यप उर्फ छोटू का बेटा रिशु कश्यप (10 वर्ष) स्वामी आत्मानंद का चौथी क्लास का होनहार छात्र था, वह पिछले 29 जनवरी से लापता था। उसके पड़ोस के दो युवकों ने रिशु को उसी दिन करसी के जंगल में ले जाकर जघन्य हत्या कर शव को पेट्रोल डाल डाल कर बेरहमी से जला दिया था। फिर पिता को कॉल कर छह लाख रुपए फिरौती मांगी थी। अब आरोपियों के अवैध रूप से बने घरों पर प्रतापपुर तहसीलदार ने नोटिस चस्पा कर दिया है तथा मकान टूटने की अवधि में तारीख पर तारीख बढ़ाया जा रहा है। जहां राजस्व विभाग के ढीला दल रवैया से पूरा प्रतापपुर फिर से आक्रोश आग में दहक रहा है। पुलिस ने जांच के दौरान 26 फरवरी को 2 आरोपियों शुभम सोनी 26 वर्ष और विशाल ताम्रकार 28 वर्ष को जेल भेज दिया है। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर करसी जंगल से रिशु कश्यप के शव के जली हुई हड्डियां बरामद की थी। घटना के बाद आक्रोशित लोग आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। पूर्व मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह 2 मार्च को परिजनों से मिलने पहुंचे और आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग की थी। तथा धरना प्रदर्शन, चक्का जाम सहित पुलिस और पब्लिक के बीच में झड़प हुई थी। मासूम रिशु कश्यप के शव को जला दिए जाने के कारण उसकी कुछ अस्थियां ही पुलिस को मिली थी। रिशु के पिता अशोक कश्यप को कुछ अस्थियां सौंपी गईं, ताकि वे अंतिम संस्कार कर सकें। अस्थियां लेते हुए पिता फफक फफक के पूरा परिवार रो पड़े। पूरा परिवार घटना के बाद से सदमे में है। रिशु कश्यप की हत्या के बाद परिजन उसका विधिवत् अंतिम संस्कार नहीं कर सके हैं। अशोक कश्यप ने कहा कि जब आरोपियों का घर टूटेगा, तब ही वे रिशु का विधिवत् अंतिम संस्कार करेंगे। आरोपियों के परिवार की दुकानें भी घटना के बाद से बंद हैं। उनके परिवार की सुरक्षा के लिए पुलिस निगरानी कर रही है। घटना के बाद नगर पंचायत ने आरोपियों के घरों का कब्जा हटाने का प्रस्ताव पारित किया था। घटना के बाद प्रतापपुर तहसीलदार पुष्पेंद्र पात्रे ने बीते मंगलवार को हनुमान मंदिर के सामने स्थित आरोपियों सहित अन्य कब्जाधारियों को नोटिस दिया है। इनमें पीडि़त का परिवार भी शामिल है। सभी को नोटिस देकर पिछले बुधवार तक जवाब देने को कहा गया था। सभी ने जवाब पेश भी कर दिया है। इसके बाद माना जा रहा है कि जल्द ही आरोपियों के घरों में बुलडोजर चल सकता है। रिशु कश्यप की अंतिम संस्कार नहीं हो पाने के कारण अस्थियों का दर्शन करने लोगों की भीड़ उमड़ रही है वहीं लगातार जनता इससे जुड़ते जा रही है और अस्थि कलश के साथ में अब परिजनों व आम जनता का कहना है कि इस न्याय यात्रा के लिए पूरा नगर फिर से संघर्ष करेगा।

आरोपियों के घर बुलडोजर चलने व मांग पूरी नहीं होने से पहले नहीं करेंगे रिशु का  अंतिम संस्कार- पिता
छत्तीसगढ़ संवाददाता प्रतापपुर, 4 मार्च। अगवा कर हत्या के मामले में आरोपियों का घर तोडऩे से पहले पिता ने मृतक रिशु कश्यप की जली हुई अस्थियां अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है। रिशु कश्यप की पहचान के लिए उसकी अस्थियों का पुलिस डीएनए टेस्ट कराएगी। रविवार को फॉरेंसिक एक्सपर्ट कुलदीप कुजुर प्रतापपुर पहुंचे और रिशु के माता-पिता का ब्लड सैंपल लिया। लोगों का मानना है कि रिशु कश्यप का हत्या हुई एक महीना से ऊपर हो गया तथा जले हुए कंकाल मिलने के बाद अब तक डीएनए टेस्ट नहीं होना यह बहुत बड़ी चूक मानी जा रही है। जांच कार्यवाही के नाम से लगभग 9 दिन बीत जाने के बाद भी आज तक रिशु कश्यप के हस्तियों का डीएनए टेस्ट नहीं हो पाना समझ से परे है। वहीं प्रतापपुर में आक्रोश का माहौल बढ़ता जा रहा है। प्रतापपुर के नाश्ता वा चना बादाम ठेला व्यवसायी अशोक कश्यप उर्फ छोटू का बेटा रिशु कश्यप (10 वर्ष) स्वामी आत्मानंद का चौथी क्लास का होनहार छात्र था, वह पिछले 29 जनवरी से लापता था। उसके पड़ोस के दो युवकों ने रिशु को उसी दिन करसी के जंगल में ले जाकर जघन्य हत्या कर शव को पेट्रोल डाल डाल कर बेरहमी से जला दिया था। फिर पिता को कॉल कर छह लाख रुपए फिरौती मांगी थी। अब आरोपियों के अवैध रूप से बने घरों पर प्रतापपुर तहसीलदार ने नोटिस चस्पा कर दिया है तथा मकान टूटने की अवधि में तारीख पर तारीख बढ़ाया जा रहा है। जहां राजस्व विभाग के ढीला दल रवैया से पूरा प्रतापपुर फिर से आक्रोश आग में दहक रहा है। पुलिस ने जांच के दौरान 26 फरवरी को 2 आरोपियों शुभम सोनी 26 वर्ष और विशाल ताम्रकार 28 वर्ष को जेल भेज दिया है। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर करसी जंगल से रिशु कश्यप के शव के जली हुई हड्डियां बरामद की थी। घटना के बाद आक्रोशित लोग आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। पूर्व मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह 2 मार्च को परिजनों से मिलने पहुंचे और आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग की थी। तथा धरना प्रदर्शन, चक्का जाम सहित पुलिस और पब्लिक के बीच में झड़प हुई थी। मासूम रिशु कश्यप के शव को जला दिए जाने के कारण उसकी कुछ अस्थियां ही पुलिस को मिली थी। रिशु के पिता अशोक कश्यप को कुछ अस्थियां सौंपी गईं, ताकि वे अंतिम संस्कार कर सकें। अस्थियां लेते हुए पिता फफक फफक के पूरा परिवार रो पड़े। पूरा परिवार घटना के बाद से सदमे में है। रिशु कश्यप की हत्या के बाद परिजन उसका विधिवत् अंतिम संस्कार नहीं कर सके हैं। अशोक कश्यप ने कहा कि जब आरोपियों का घर टूटेगा, तब ही वे रिशु का विधिवत् अंतिम संस्कार करेंगे। आरोपियों के परिवार की दुकानें भी घटना के बाद से बंद हैं। उनके परिवार की सुरक्षा के लिए पुलिस निगरानी कर रही है। घटना के बाद नगर पंचायत ने आरोपियों के घरों का कब्जा हटाने का प्रस्ताव पारित किया था। घटना के बाद प्रतापपुर तहसीलदार पुष्पेंद्र पात्रे ने बीते मंगलवार को हनुमान मंदिर के सामने स्थित आरोपियों सहित अन्य कब्जाधारियों को नोटिस दिया है। इनमें पीडि़त का परिवार भी शामिल है। सभी को नोटिस देकर पिछले बुधवार तक जवाब देने को कहा गया था। सभी ने जवाब पेश भी कर दिया है। इसके बाद माना जा रहा है कि जल्द ही आरोपियों के घरों में बुलडोजर चल सकता है। रिशु कश्यप की अंतिम संस्कार नहीं हो पाने के कारण अस्थियों का दर्शन करने लोगों की भीड़ उमड़ रही है वहीं लगातार जनता इससे जुड़ते जा रही है और अस्थि कलश के साथ में अब परिजनों व आम जनता का कहना है कि इस न्याय यात्रा के लिए पूरा नगर फिर से संघर्ष करेगा।