20 साल पहले बने असिस्टेंट प्रोफेसर,अब तक रेगुलर नहीं:हायर एजुकेशन में प्रोफेसर के 512 और सहायक प्राध्यापक के 7046 पद रिक्त

प्रदेश में उच्‍च शिक्षा विभाग में प्रोफेसर के 512 एवं असिस्‍टेंट प्रोफेसर के 7046 पद रिक्‍त हैं। उच्च शिक्षा विभाग यह बताने की स्थिति में नहीं है कि इन पदों को कब तक भर लिया जाएगा। ऐसे में सरकार को महाविद्यालयों में रिक्त पदों के विरुद्ध अतिथि विद्वानों की नियुक्ति कर पढ़ाई करानी पड़ रही है। उधर बीस साल पहले बैकलॉग से नियुक्त एससी-एसटी वर्ग के 102 सहायक प्राध्यापकों को अब तक रेगुलर नहीं किया जा सका है। ये अभी भी परिवीक्षाधीन सहायक प्राध्यापक हैं। यह जानकारी उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने विधानसभा में विधायक नितेंद्र सिंह राठौर के सवाल के लिखित जवाब में दी है। विधायक राठौर ने विधानसभा के जरिए सवाल किया था कि उच्च शिक्षा विभाग में प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर के कितने पद रिक्त हैं? उनको कब तक भरा जाएगा? पद रिक्त होने से युवाओं की शिक्षा का जो नुकसान हुआ उसके लिए कौन जिम्मेदार हैं? इसके जवाब में मंत्री परमार ने कहा है कि प्रोफेसर के 512 एवं असिस्‍टेंट प्रोफेसर के 7046 पद रिक्‍त हैं। सहायक प्राध्‍यापकों के रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु मध्‍यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सहायक प्राध्‍यापक परीक्षा 2022 के संबंध में कुछ विषयों की चयन सूचियां जारी की जा चुकी हैं। चयन सूचियां प्राप्‍त होने के बाद नियुक्ति की कार्यवाही पूर्ण कर रिक्‍त पदों को भरा जाएगा। इस काम को कब तक कर लिया जाएगा, इसकी समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। रिक्त पदों से पढ़ाई प्रभावित होने से रोकने इन रिक्‍त पदों के विरुद्ध अतिथि विद्वान नियुक्त किए जाते हैं जिससे शैक्षणिक व्‍यवस्‍था सुचारू रूप से जारी है। 557 कालेज में पदस्थ हैं प्रभारी प्राचार्य उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने कहा कि मध्‍यप्रदेश में कुल 571 शासकीय महाविद्यालय हैं। इनमें से 14 शासकीय महाविद्यालयों में पदोन्‍नत प्राचार्य पदस्‍थ हैं। वहीं 557 शासकीय महाविद्यालयों में प्रभारी प्राचार्य पदस्‍थ हैं। अतिरिक्‍त संचालक पद पर पदस्‍थापना का प्राचार्य पद के साक्षात्‍कार से कोई संबंध नहीं है। मंत्री परमार ने यह जानकारी विधायक चिंतामणि मालवीय के सवाल के लिखित जवाब में दी। मालवीय ने प्रदेश में कुल सरकारी कालेज और वहां प्राचार्य के रिक्त पदों की जानकारी मांगी थी।

20 साल पहले बने असिस्टेंट प्रोफेसर,अब तक रेगुलर नहीं:हायर एजुकेशन में प्रोफेसर के 512 और सहायक प्राध्यापक के 7046 पद रिक्त
प्रदेश में उच्‍च शिक्षा विभाग में प्रोफेसर के 512 एवं असिस्‍टेंट प्रोफेसर के 7046 पद रिक्‍त हैं। उच्च शिक्षा विभाग यह बताने की स्थिति में नहीं है कि इन पदों को कब तक भर लिया जाएगा। ऐसे में सरकार को महाविद्यालयों में रिक्त पदों के विरुद्ध अतिथि विद्वानों की नियुक्ति कर पढ़ाई करानी पड़ रही है। उधर बीस साल पहले बैकलॉग से नियुक्त एससी-एसटी वर्ग के 102 सहायक प्राध्यापकों को अब तक रेगुलर नहीं किया जा सका है। ये अभी भी परिवीक्षाधीन सहायक प्राध्यापक हैं। यह जानकारी उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने विधानसभा में विधायक नितेंद्र सिंह राठौर के सवाल के लिखित जवाब में दी है। विधायक राठौर ने विधानसभा के जरिए सवाल किया था कि उच्च शिक्षा विभाग में प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर के कितने पद रिक्त हैं? उनको कब तक भरा जाएगा? पद रिक्त होने से युवाओं की शिक्षा का जो नुकसान हुआ उसके लिए कौन जिम्मेदार हैं? इसके जवाब में मंत्री परमार ने कहा है कि प्रोफेसर के 512 एवं असिस्‍टेंट प्रोफेसर के 7046 पद रिक्‍त हैं। सहायक प्राध्‍यापकों के रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु मध्‍यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सहायक प्राध्‍यापक परीक्षा 2022 के संबंध में कुछ विषयों की चयन सूचियां जारी की जा चुकी हैं। चयन सूचियां प्राप्‍त होने के बाद नियुक्ति की कार्यवाही पूर्ण कर रिक्‍त पदों को भरा जाएगा। इस काम को कब तक कर लिया जाएगा, इसकी समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। रिक्त पदों से पढ़ाई प्रभावित होने से रोकने इन रिक्‍त पदों के विरुद्ध अतिथि विद्वान नियुक्त किए जाते हैं जिससे शैक्षणिक व्‍यवस्‍था सुचारू रूप से जारी है। 557 कालेज में पदस्थ हैं प्रभारी प्राचार्य उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने कहा कि मध्‍यप्रदेश में कुल 571 शासकीय महाविद्यालय हैं। इनमें से 14 शासकीय महाविद्यालयों में पदोन्‍नत प्राचार्य पदस्‍थ हैं। वहीं 557 शासकीय महाविद्यालयों में प्रभारी प्राचार्य पदस्‍थ हैं। अतिरिक्‍त संचालक पद पर पदस्‍थापना का प्राचार्य पद के साक्षात्‍कार से कोई संबंध नहीं है। मंत्री परमार ने यह जानकारी विधायक चिंतामणि मालवीय के सवाल के लिखित जवाब में दी। मालवीय ने प्रदेश में कुल सरकारी कालेज और वहां प्राचार्य के रिक्त पदों की जानकारी मांगी थी।