हवाओं ने उड़ाई शाला की छत सरपंच मनबती ने करवाई मरम्मत

दंतेवाड़ा, 27 जून। विकासखण्ड दंतेवाड़ा के ग्राम डुमाम में नवीन पूर्व माध्यमिक शाला की छत संपूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गई थी। ग्राम पंचायत की सरपंच मनबती शोरी द्वारा तत्परतापूर्वक छत की मरम्मत कराई गई। विगत दिवस तेज गति से हवाएं चली थी। इसके फलस्वरूप ग्राम की नवीन पूर्व माध्यमिक शाला की छत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी। जिससे शाला प्रवेश उत्सव पर प्रश्नचिन्ह लग गया था। और स्थानीय बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने की पूरी संभावना थी। परन्तु डुमाम ग्राम पंचायत की सरपंच मनबती शोरी एवं सचिव शंकरलाल कश्यप ने बच्चों की पढ़ाई की समस्या को समझते हुए तत्परता से उक्त स्कूल के छत का नवनिर्माण करवाया। सरपंच श्रीमती शोरी ने मरम्मत कार्य का मोर्चा स्वयं संभाला और कार्य पूर्ण कराया। उन्होंने स्वयं ही स्कूल की मरम्मत के लिए आगे आकर कार्य भी किया। इस प्रकार शाला प्रवेश उत्सव अभियान के पूर्व ही शाला भवन का मरम्मत पूर्ण हो गया और शाला प्रवेश उत्सव के पूर्व ही पूरे स्कूल छत की नये सिरे से निर्माण हुआ। अब ग्राम डुमाम के स्कूली बच्चें निश्चित होकर खुशी-खुशी स्कूल जा सकते हैं और उनकी पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। यह सार्थक पहल वास्तव में अन्य ग्राम पंचायतों के साथ-साथ आमजनों के लिए भी प्रेरणादायक है।

हवाओं ने उड़ाई शाला की छत सरपंच मनबती ने करवाई मरम्मत
दंतेवाड़ा, 27 जून। विकासखण्ड दंतेवाड़ा के ग्राम डुमाम में नवीन पूर्व माध्यमिक शाला की छत संपूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गई थी। ग्राम पंचायत की सरपंच मनबती शोरी द्वारा तत्परतापूर्वक छत की मरम्मत कराई गई। विगत दिवस तेज गति से हवाएं चली थी। इसके फलस्वरूप ग्राम की नवीन पूर्व माध्यमिक शाला की छत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी। जिससे शाला प्रवेश उत्सव पर प्रश्नचिन्ह लग गया था। और स्थानीय बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने की पूरी संभावना थी। परन्तु डुमाम ग्राम पंचायत की सरपंच मनबती शोरी एवं सचिव शंकरलाल कश्यप ने बच्चों की पढ़ाई की समस्या को समझते हुए तत्परता से उक्त स्कूल के छत का नवनिर्माण करवाया। सरपंच श्रीमती शोरी ने मरम्मत कार्य का मोर्चा स्वयं संभाला और कार्य पूर्ण कराया। उन्होंने स्वयं ही स्कूल की मरम्मत के लिए आगे आकर कार्य भी किया। इस प्रकार शाला प्रवेश उत्सव अभियान के पूर्व ही शाला भवन का मरम्मत पूर्ण हो गया और शाला प्रवेश उत्सव के पूर्व ही पूरे स्कूल छत की नये सिरे से निर्माण हुआ। अब ग्राम डुमाम के स्कूली बच्चें निश्चित होकर खुशी-खुशी स्कूल जा सकते हैं और उनकी पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। यह सार्थक पहल वास्तव में अन्य ग्राम पंचायतों के साथ-साथ आमजनों के लिए भी प्रेरणादायक है।