वनग्राम खैरबार को राजस्व ग्राम में बदलने 9 साल से इंतजार

जिला महामंत्री ने सीएम को सौंपा ज्ञापन छत्तीसगढ़ संवाददाता अंबिकापुर, 25 जून। संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर से लगे एक गांव के लोगों को अपनी जमीन का पूर्ण अधिकार नहीं मिल पा रहा है। यहां के ग्रामीण 2015 से सरकार की घोषणा पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। इसी उम्मीद को लेकर जिला भाजपा नेता, भाजपा ओबीसी मोर्चा के जिला महामंत्री जीतेन्द्र सोनी ने सीएम को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में बताया गया कि जनपद पंचायत अम्बिकापुर अंतर्गत ग्राम पंचायत खैरबार जो पूर्व में वनग्राम था, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस ग्राम पंचायत को वनग्राम से राजस्व ग्राम बनाने हेतु 2015 में घोषण की थी। सन् 2018 में सत्ता परिवर्तन के आज 9 वर्ष बाद भी राजस्व ग्राम अस्तित्व में नहीं आया है। पुन: भाजपा सरकार आने पर ग्रामवासियों को यह भरोसा है कि जल्द खैरबार को राजस्व ग्राम का दर्ज मिल जायेगा। राजस्व ग्राम कागज में नहीं आ सका है, इसमें ग्रामवासियों को अपनी जमीन नहीं बेच जा सकता। घर बनाने या अन्य किसी काम के लिए कर्ज नहीं लिया जा सकता। यहाँ तक की जाति, निवास प्रमाण तक बनवाने में दिक्कत होती है। वनग्राम होने के कारण पूरे ग्राम का सिर्फ एक खसरा नं. है। सरकारी रिकार्ड में एक ही नक्शा है। इस स्थिति में इस गांव के अलग-अलग भू-खण्डों का नक्शा काट पाना संभव नहीं है। अलग-अलग खसरा नं. की अलॉट नहीं हो सकता जिसके कारण जमीनों की रजिस्ट्री भी नहीं हो सकती है। इसलिए ग्रामीण परेशान हैं अगर वनग्राम को राजस्व ग्राम में दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी जाती है तो ग्रामवासियों को वर्षों पुरानी समस्या दूर हो जायेगी। ग्राम पंचायत का प्रथम प्रकाशन हो गया है। 144 आपतियां हैं। राजस्व टीम ने सबका अलग-अलग सीमांकन कर लिया है। प्रशासन अगर जल्द ही प्रक्रिया पूरी कर लेता है तो समस्या जल्दी समाप्त हो जाएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है प्रशासनिक प्रक्रिया जल्द पूर्ण कराके। ग्राम पंचायत खैरबार को जल्द राजस्व ग्राम दर्ज कराने मांग की है।

वनग्राम खैरबार को राजस्व ग्राम में बदलने 9 साल से इंतजार
जिला महामंत्री ने सीएम को सौंपा ज्ञापन छत्तीसगढ़ संवाददाता अंबिकापुर, 25 जून। संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर से लगे एक गांव के लोगों को अपनी जमीन का पूर्ण अधिकार नहीं मिल पा रहा है। यहां के ग्रामीण 2015 से सरकार की घोषणा पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। इसी उम्मीद को लेकर जिला भाजपा नेता, भाजपा ओबीसी मोर्चा के जिला महामंत्री जीतेन्द्र सोनी ने सीएम को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में बताया गया कि जनपद पंचायत अम्बिकापुर अंतर्गत ग्राम पंचायत खैरबार जो पूर्व में वनग्राम था, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस ग्राम पंचायत को वनग्राम से राजस्व ग्राम बनाने हेतु 2015 में घोषण की थी। सन् 2018 में सत्ता परिवर्तन के आज 9 वर्ष बाद भी राजस्व ग्राम अस्तित्व में नहीं आया है। पुन: भाजपा सरकार आने पर ग्रामवासियों को यह भरोसा है कि जल्द खैरबार को राजस्व ग्राम का दर्ज मिल जायेगा। राजस्व ग्राम कागज में नहीं आ सका है, इसमें ग्रामवासियों को अपनी जमीन नहीं बेच जा सकता। घर बनाने या अन्य किसी काम के लिए कर्ज नहीं लिया जा सकता। यहाँ तक की जाति, निवास प्रमाण तक बनवाने में दिक्कत होती है। वनग्राम होने के कारण पूरे ग्राम का सिर्फ एक खसरा नं. है। सरकारी रिकार्ड में एक ही नक्शा है। इस स्थिति में इस गांव के अलग-अलग भू-खण्डों का नक्शा काट पाना संभव नहीं है। अलग-अलग खसरा नं. की अलॉट नहीं हो सकता जिसके कारण जमीनों की रजिस्ट्री भी नहीं हो सकती है। इसलिए ग्रामीण परेशान हैं अगर वनग्राम को राजस्व ग्राम में दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी जाती है तो ग्रामवासियों को वर्षों पुरानी समस्या दूर हो जायेगी। ग्राम पंचायत का प्रथम प्रकाशन हो गया है। 144 आपतियां हैं। राजस्व टीम ने सबका अलग-अलग सीमांकन कर लिया है। प्रशासन अगर जल्द ही प्रक्रिया पूरी कर लेता है तो समस्या जल्दी समाप्त हो जाएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है प्रशासनिक प्रक्रिया जल्द पूर्ण कराके। ग्राम पंचायत खैरबार को जल्द राजस्व ग्राम दर्ज कराने मांग की है।