रक्षाबंधन पर्व आत्मा और परमात्मा के अलौकिक सम्बन्ध का-प्रीति दीदी

छत्तीसगढ़ संवाददाता महासमुंद,12 अगस्त। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष रक्षाबंधन पर्व पर अलग-अलग स्थानों में पहुंच पर्व मनाता है। इस बार संस्था के मिडिया प्रभाग ने यह पर्व प्रेस क्लब में ही मनाया। ब्रम्हा कुमारी की संचालिका प्रीति दीदी ने प्रेसक्लब अध्यक्ष रत्नेश सोनी, कोषाध्यक्ष संजय महंती, सहसचिव अमित हिषीकर, प्रचार मंत्री महेंद्र यादव, पूर्व अध्यक्ष उत्तरा विदानी, देवीचंद राठी, विक्रम साहू सहित उपस्थितजनों को तिलक लगा रक्षा सूत्र बांधा और मिठाई खिला पर्व की बधाई दी। इस अवसर पर उन्होंने प्रेस क्लब के सदस्यों को सात दिवसीय राजयोग कोर्स करने का निमंत्रण दिया। कहा कि यह पर्व आत्मा और परमात्मा के अलौकिक सम्बन्ध का भी पर्व है। जब कलयुग अपने अन्तिम घड़ी पर खड़ा होता है संसार महापरिवर्तन के दौर से गुजर रहा होता है। इस धरा की दैवी गुणों वाली आत्माएं जन्म मरण का चक्कर लगा लगा कर अपनी शान्ति पवित्रता और अपने मूल स्वरूप को खो चुकी होती हैं और पांच विकारों काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार रूपी दलदल में डूब चुकी होती है। तब निराकार ज्योति बिन्दु स्वरूप परमात्मा शिव इस धरा के भारत भूमि माउंट आबू पर अवतरित होकर और एक साधारण मानव को अपना माध्यम बनाकर इस संसार की हर आत्माओं को सच्ची पवित्रता की राखी बांधत, पांच विकारों से मुक्ति दिलाते और सच्चा रक्षाबंधन का अर्थ समझाते हैं। ब्रम्हाकुमारी सुषमा बहन ने उपस्थितजनों को राजयोग मेडिटेशन से शान्ति की अनुभूति कराई।

रक्षाबंधन पर्व आत्मा और परमात्मा के अलौकिक सम्बन्ध का-प्रीति दीदी
छत्तीसगढ़ संवाददाता महासमुंद,12 अगस्त। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष रक्षाबंधन पर्व पर अलग-अलग स्थानों में पहुंच पर्व मनाता है। इस बार संस्था के मिडिया प्रभाग ने यह पर्व प्रेस क्लब में ही मनाया। ब्रम्हा कुमारी की संचालिका प्रीति दीदी ने प्रेसक्लब अध्यक्ष रत्नेश सोनी, कोषाध्यक्ष संजय महंती, सहसचिव अमित हिषीकर, प्रचार मंत्री महेंद्र यादव, पूर्व अध्यक्ष उत्तरा विदानी, देवीचंद राठी, विक्रम साहू सहित उपस्थितजनों को तिलक लगा रक्षा सूत्र बांधा और मिठाई खिला पर्व की बधाई दी। इस अवसर पर उन्होंने प्रेस क्लब के सदस्यों को सात दिवसीय राजयोग कोर्स करने का निमंत्रण दिया। कहा कि यह पर्व आत्मा और परमात्मा के अलौकिक सम्बन्ध का भी पर्व है। जब कलयुग अपने अन्तिम घड़ी पर खड़ा होता है संसार महापरिवर्तन के दौर से गुजर रहा होता है। इस धरा की दैवी गुणों वाली आत्माएं जन्म मरण का चक्कर लगा लगा कर अपनी शान्ति पवित्रता और अपने मूल स्वरूप को खो चुकी होती हैं और पांच विकारों काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार रूपी दलदल में डूब चुकी होती है। तब निराकार ज्योति बिन्दु स्वरूप परमात्मा शिव इस धरा के भारत भूमि माउंट आबू पर अवतरित होकर और एक साधारण मानव को अपना माध्यम बनाकर इस संसार की हर आत्माओं को सच्ची पवित्रता की राखी बांधत, पांच विकारों से मुक्ति दिलाते और सच्चा रक्षाबंधन का अर्थ समझाते हैं। ब्रम्हाकुमारी सुषमा बहन ने उपस्थितजनों को राजयोग मेडिटेशन से शान्ति की अनुभूति कराई।