जीजा की मौत से दुखी साले ने पिया कीटनाशक:तीन दिन बाद उज्जैन अस्पताल में तोड़ा दम; डॉक्टरों से बोला था- मुझे बचा लो

राजगढ़ जिले के खिलचीपुर थाना क्षेत्र के जामुनिया गांव निवासी 35 साल के युवक कमल वर्मा ने अपने जीजा की मौत से दुखी होकर कीटनाशक पी लिया था। घटन के 3 दिन बाद उसकी उज्जैन अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। युवक ने अस्पताल में इलाज के दाैरान बताया था कि वहां अपने जीजा की मौत से दुःखी है और उसने एक डिब्बा टमाटर में छिड़कने वाली कीटनाशक दवा पी है। उसने डॉक्टर से कहा था कि मुझे बचा सको तो बचा लो। जीजाजी की मौत से दुखी होकर पिया कीटनाशक जानकारी के अनुसार जामुनिया गांव निवासी कमल वर्मा एडवोकेट था। उसने 31 अक्टूबर दीपावली की शाम को अपने घर में कीटनाशक दवा पी थी। इसके बाद जब उसकी हालत बिगड़ी तो उसके पिता शंकर लाल वर्मा एम्बुलेंस की मदद से इलाज के लिए खिलचीपुर अस्पताल लेकर आए थे। जहां युवक कमल वर्मा ने बताया था कि 15 दिन पहले एक्सीडेंट में मुकुमपुरा गांव में रहने वाले उसके जीजा कालूलाल वर्मा की मौत हो गई थी। युवक का कहना था कि वह अपने जीजा की मौत से बहुत दुखी है, इसलिए उसने एक डिब्बा कीटनाशक दवा पी ली। डॉक्टरों से बोला- मुझे बचा लो युवक बार-बार एक ही शब्द बोल रहा था- मुझे मरना है, बचा सकते हो तो बचा लो। यहां डॉक्टर ने उसको प्राथमिक उपचार के बाद राजगढ़ जिला अस्पताल रेफर किया था, जहां हालत बिगड़ने पर परिजन उसे शाजापुर और फिर उज्जैन अस्पताल में लेकर गए। जहां रविवार को इलाज के दौरान कमल वर्मा ने दम तोड़ दिया।

राजगढ़ जिले के खिलचीपुर थाना क्षेत्र के जामुनिया गांव निवासी 35 साल के युवक कमल वर्मा ने अपने जीजा की मौत से दुखी होकर कीटनाशक पी लिया था। घटन के 3 दिन बाद उसकी उज्जैन अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। युवक ने अस्पताल में इलाज के दाैरान बताया था कि वहां अपने जीजा की मौत से दुःखी है और उसने एक डिब्बा टमाटर में छिड़कने वाली कीटनाशक दवा पी है। उसने डॉक्टर से कहा था कि मुझे बचा सको तो बचा लो। जीजाजी की मौत से दुखी होकर पिया कीटनाशक जानकारी के अनुसार जामुनिया गांव निवासी कमल वर्मा एडवोकेट था। उसने 31 अक्टूबर दीपावली की शाम को अपने घर में कीटनाशक दवा पी थी। इसके बाद जब उसकी हालत बिगड़ी तो उसके पिता शंकर लाल वर्मा एम्बुलेंस की मदद से इलाज के लिए खिलचीपुर अस्पताल लेकर आए थे। जहां युवक कमल वर्मा ने बताया था कि 15 दिन पहले एक्सीडेंट में मुकुमपुरा गांव में रहने वाले उसके जीजा कालूलाल वर्मा की मौत हो गई थी। युवक का कहना था कि वह अपने जीजा की मौत से बहुत दुखी है, इसलिए उसने एक डिब्बा कीटनाशक दवा पी ली। डॉक्टरों से बोला- मुझे बचा लो युवक बार-बार एक ही शब्द बोल रहा था- मुझे मरना है, बचा सकते हो तो बचा लो। यहां डॉक्टर ने उसको प्राथमिक उपचार के बाद राजगढ़ जिला अस्पताल रेफर किया था, जहां हालत बिगड़ने पर परिजन उसे शाजापुर और फिर उज्जैन अस्पताल में लेकर गए। जहां रविवार को इलाज के दौरान कमल वर्मा ने दम तोड़ दिया।