अब यहां न हरियाली है, न छांव...

महासमुंद, 23 मार्च। पौधा लगाने से लेकर वृक्ष बनाने में वर्षों लगते हैं और काटने में मिनटों। मेडिकल कॉलेज अस्पताल महासमुंद में भवन के सामने सैकड़ों छायादर पेड़ थे। काफी पुराने पेड़ भी थे। कभी इनकी छांव में मरीज के परिजन सुस्ताने बैठते थे। बहुत से लोग धूप के अपनी वाहनों को बचाने इनकी छांव में खड़ी कर देते थे। लेकिन अब यहां बंजर है। अस्पताल के डीन-अधीक्षक ने इन्हें गैर जरूरी मानकर जड़ से हटवा दिया है। अत: अब यहां न हरियाली है, न छांव।

अब यहां न हरियाली है, न छांव...
महासमुंद, 23 मार्च। पौधा लगाने से लेकर वृक्ष बनाने में वर्षों लगते हैं और काटने में मिनटों। मेडिकल कॉलेज अस्पताल महासमुंद में भवन के सामने सैकड़ों छायादर पेड़ थे। काफी पुराने पेड़ भी थे। कभी इनकी छांव में मरीज के परिजन सुस्ताने बैठते थे। बहुत से लोग धूप के अपनी वाहनों को बचाने इनकी छांव में खड़ी कर देते थे। लेकिन अब यहां बंजर है। अस्पताल के डीन-अधीक्षक ने इन्हें गैर जरूरी मानकर जड़ से हटवा दिया है। अत: अब यहां न हरियाली है, न छांव।