अतिथि शिक्षक महासंघ:अंबेडकर मैदान पर प्रदर्शन, सीएम हाउस घेराव की तैयारी

अतिथि शिक्षक भर्ती मे वार्षिक अनुबंध सत्र 2024-25 से लागू करने और गुरुजियों की भांति अलग से विभागीय पात्रता परीक्षा लेकर भविष्य सुरक्षित करने की मांगों को लेकर अतिथि शिक्षक महासंघ द्वारा आज अंबेडकर पार्क से एक रैली निकाली जाएगी, यहां से शिक्षक सीएम हाउस के घेराव के लिए निकलेंगे। अतिथि शिक्षक महासंघ मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दो सितंबर 2023 को आयोजित अतिथि शिक्षक पंचायत में की गई घोषणाओं के आदेश जारी नहीं होने से प्रदेश के हजारों अतिथि शिक्षक नाराज हैं । इसलिए आज हम को अपना भविष्य सुरक्षित करने भोपाल की सड़कों पर उतरेंगे । गौरतलब है कि अतिथि शिक्षकों की तिरंगा यात्रा पांच सितंबर शिक्षक दिवस को निर्धारित थी । मुख्यमंत्री मोहन यादव के पिताजी का देहांत होने से संगठन के पदाधिकारियों ने उनको श्रद्धांजलि अर्पित करने के उद्देश्य से तिरंगा यात्रा दस दिसंबर तक स्थगित कर दी थी। असुरक्षित भविष्य की चिंता ने सड़कों पर उतरने मजबूर कर दिया है। अभी तक सौ से भी अधिक शिक्षक आर्थिक तंगी और अंधकारमय भविष्य के कारण आत्महत्या कर चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद हजारों अतिथि शिक्षक हुए बेरोजगार महासंघ से केसी पवार ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री जी की घोषणानुसार किसी भी अतिथि शिक्षक को बेरोजगार नहीं किया जायेगा पर उनकी घोषणा के बाद सीधी भर्ती प्रमोशन और ट्रांसफर से हजारों लोगों को बेरोजगार कर दिया है। गुरुजियों की भांति विभागीय परीक्षा लेकर नियमित करने के आदेश भी आज दिनांक तक नहीं हुए हैं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी भी अतिथि शिक्षकों को न्याय दिलाने बीजेपी में आए थे आज भी उनकी ही सरकार है । पर सत्ता परिवर्तन के बाद भी अतिथि शिक्षकों के हालात नहीं बदले । डीपीआई पर आरोप प्रदेश सचिव रविकांत गुप्ता ने बताया है कि लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारी विगत दो माह में अतिथि शिक्षक भर्ती की विसंगतियां दूर नहीं कर पाए। नौ बार अतिथि शिक्षक भर्ती का आदेश निकालकर तारीख में वृद्धि की गई है। अनुभवी अतिथि शिक्षकों को स्कोर कार्ड में मात्र पांच वर्षों के बीस अंक जोड़ने और पात्रता परीक्षा के 30 अंक जोड़ने से हजारों अतिथि शिक्षक मेरिट से बाहर हो गए हैं। स्कोर कार्ड में सेवाकाल के अनुसार अंक जोड़ना चाहिए। सरकार एक तरफ लेट भर्ती करती है और दूसरी तरफ 30 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम ठीकरा अतिथियों के सिर फोड़कर वर्षों से कार्यरत अतिथि शिक्षकों को बाहर कर दिया है जबकि स्थाई शिक्षकों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। आखिर कब तक अतिथि शिक्षक आत्महत्या करते रहेंगे । कब तक अतिथि शिक्षकों को अपने सुरक्षित भविष्य का इंतजार करना होगा। अधिकारियों से चर्चा करने पर एमपीडीएससी को दोषी बताते है । यह हैं मांगे

अतिथि शिक्षक महासंघ:अंबेडकर मैदान पर प्रदर्शन, सीएम हाउस घेराव की तैयारी
अतिथि शिक्षक भर्ती मे वार्षिक अनुबंध सत्र 2024-25 से लागू करने और गुरुजियों की भांति अलग से विभागीय पात्रता परीक्षा लेकर भविष्य सुरक्षित करने की मांगों को लेकर अतिथि शिक्षक महासंघ द्वारा आज अंबेडकर पार्क से एक रैली निकाली जाएगी, यहां से शिक्षक सीएम हाउस के घेराव के लिए निकलेंगे। अतिथि शिक्षक महासंघ मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दो सितंबर 2023 को आयोजित अतिथि शिक्षक पंचायत में की गई घोषणाओं के आदेश जारी नहीं होने से प्रदेश के हजारों अतिथि शिक्षक नाराज हैं । इसलिए आज हम को अपना भविष्य सुरक्षित करने भोपाल की सड़कों पर उतरेंगे । गौरतलब है कि अतिथि शिक्षकों की तिरंगा यात्रा पांच सितंबर शिक्षक दिवस को निर्धारित थी । मुख्यमंत्री मोहन यादव के पिताजी का देहांत होने से संगठन के पदाधिकारियों ने उनको श्रद्धांजलि अर्पित करने के उद्देश्य से तिरंगा यात्रा दस दिसंबर तक स्थगित कर दी थी। असुरक्षित भविष्य की चिंता ने सड़कों पर उतरने मजबूर कर दिया है। अभी तक सौ से भी अधिक शिक्षक आर्थिक तंगी और अंधकारमय भविष्य के कारण आत्महत्या कर चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद हजारों अतिथि शिक्षक हुए बेरोजगार महासंघ से केसी पवार ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री जी की घोषणानुसार किसी भी अतिथि शिक्षक को बेरोजगार नहीं किया जायेगा पर उनकी घोषणा के बाद सीधी भर्ती प्रमोशन और ट्रांसफर से हजारों लोगों को बेरोजगार कर दिया है। गुरुजियों की भांति विभागीय परीक्षा लेकर नियमित करने के आदेश भी आज दिनांक तक नहीं हुए हैं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी भी अतिथि शिक्षकों को न्याय दिलाने बीजेपी में आए थे आज भी उनकी ही सरकार है । पर सत्ता परिवर्तन के बाद भी अतिथि शिक्षकों के हालात नहीं बदले । डीपीआई पर आरोप प्रदेश सचिव रविकांत गुप्ता ने बताया है कि लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारी विगत दो माह में अतिथि शिक्षक भर्ती की विसंगतियां दूर नहीं कर पाए। नौ बार अतिथि शिक्षक भर्ती का आदेश निकालकर तारीख में वृद्धि की गई है। अनुभवी अतिथि शिक्षकों को स्कोर कार्ड में मात्र पांच वर्षों के बीस अंक जोड़ने और पात्रता परीक्षा के 30 अंक जोड़ने से हजारों अतिथि शिक्षक मेरिट से बाहर हो गए हैं। स्कोर कार्ड में सेवाकाल के अनुसार अंक जोड़ना चाहिए। सरकार एक तरफ लेट भर्ती करती है और दूसरी तरफ 30 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम ठीकरा अतिथियों के सिर फोड़कर वर्षों से कार्यरत अतिथि शिक्षकों को बाहर कर दिया है जबकि स्थाई शिक्षकों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। आखिर कब तक अतिथि शिक्षक आत्महत्या करते रहेंगे । कब तक अतिथि शिक्षकों को अपने सुरक्षित भविष्य का इंतजार करना होगा। अधिकारियों से चर्चा करने पर एमपीडीएससी को दोषी बताते है । यह हैं मांगे